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फर्जी दस्तावेज पर चुनाव लड़ी महिला सरपंच को उपायुक्त ने किया पदमुक्त

फर्जी दस्तावेज के आधार पर चुनाव जीतकर पांच साल सरपंच रहने वाली महिला सरपंच सीमा (सविता) को उपायुक्त ने तुरंत प्रभाव से पदमुक्त कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Feb 2021 06:31 PM (IST)Updated: Sun, 07 Feb 2021 07:46 PM (IST)
फर्जी दस्तावेज पर चुनाव लड़ी महिला सरपंच को उपायुक्त ने किया पदमुक्त
फर्जी दस्तावेज पर चुनाव लड़ी महिला सरपंच को उपायुक्त ने किया पदमुक्त

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: फर्जी दस्तावेज के आधार पर चुनाव जीतकर पांच साल सरपंच रहने वाली महिला सरपंच सीमा (सविता) को उपायुक्त ने तुरंत प्रभाव से पदमुक्त कर दिया है। उपायुक्त ने यह भी आदेश दिए कि सरपंच के रूप में कार्यरत सविता अब पंचायत की किसी प्रकार की कार्रवाई में भाग नहीं ले सकती। उनके पास पंचायत से संबंधित कोई भी अधिकार नहीं रहेंगे। इस मामले में सरपंच पद से हटाई गई सीमा का कहना है कि उपायुक्त ने आदेश जारी करने से पहले उनका पक्ष नहीं सुना। उनका कहना है कि उन्हें आदेश की कापी भी नहीं मिली है। सीमा ने कहा कि, उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की थी जिसमें स्टे लगा हुआ है। उन्होंने कोई फर्जीवाड़ा नहीं किया है।

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10 जनवरी 2016 को पंचायत के आम चुनाव में बांस हरिया ग्राम पंचायत में सीमा ने चुनाव लड़ा। वह 7 मतों से चुनाव जीतकर सरपंच बनीं। उसके बाद गांव के ही एक शिकायतकर्ता जयप्रकाश ने सविता के सभी दस्तावेज फर्जी होने की शिकायत पंचायत विभाग के वित्त आयुक्त को की। वित्त आयुक्त ने इस पूरे मामले की जांच विजिलेंस विभाग को सौंपी। सरपंच के चुनाव के दौरान जो दस्तावेज प्रस्तुत किए गए थे। वह कागजात उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिला के पब्लिक इंटर कालेज जहांगीरपुर के थे। जांच के दौरान अधिकारियों ने कालेज के पूर्व प्रधानाचार्य व तत्कालीन प्रधानाचार्य से पूरा रिकार्ड लेकर जांच की। पूर्व प्रधानाचार्य सीपी सिंह ने जांच के दौरान अधिकारियों को बताया कि जिस रोल नंबर की बात की जा रही है, उस पर 9 अगस्त 1997 को सविता नाम की लड़की ने सातवीं कक्षा में दाखिला लिया था। रिकार्ड में सविता का नाम दर्ज है। इस रोल नंबर पर रिकार्ड में किसी तरह की कटिग आदि नहीं की गई है, जबकि चुनाव के दौरान पेश किए गए दस्तावेज में कटिग की गई है।

जांच के दौरान उपायुक्त ने बांसहरिया की सरपंच को निलंबित कर दिया था। पूरे मामले की जांच उपायुक्त ने अतिरिक्त उपायुक्त को सौंपी। अतिरिक्त उपायुक्त ने आरोपित महिला सरपंच को अपना पक्ष रखने का मौका दिया लेकिन वे अपनी दलील में ज्यादा सफाई पेश नहीं कर पाई। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद अतिरिक्त उपायुक्त ने अपनी रिपोर्ट उपायुक्त को सौंप दी।

उपायुक्त यश गर्ग ने पंचायत चुनाव के दौरान प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों को फर्जी पाए जाने पर बांसहरिया की महिला सरपंच को तुरंत प्रभाव से पदमुक्त कर दिया। शिकायतकर्ता जय प्रकाश कौशिक ने कहा हमारे साथ-साथ गांव वालों को न्याय मिलने के साथ उन सभी के लिए सबक है जो गलत कार्य कर पद को हासिल कर लेते हैं।


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