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पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे कबाड़ी

दूषण को रोकने के लिए एनजीटी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला प्रशासन काफी प्रयास कर रहे हैं लेकिन इनके प्रयास जमीन स्तर पर आकर दम तोड़ देते हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 Jan 2020 06:22 PM (IST)Updated: Tue, 14 Jan 2020 06:22 PM (IST)
पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे कबाड़ी

जागरण संवाददाता, मानेसर :प्रदूषण रोकने के लिए एनजीटी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला प्रशासन प्रयासरत है, पर इनके प्रयास धरातल पर दम तोड़ देते हैं। यह भी कहा जा सकता है कि अधिकारियों की लापरवाही से रोजाना काफी कबाड़ जलाया जाता है, जिससे प्रदूषण बढ़ रहा है। आइएमटी मानेसर और आसपास के क्षेत्र में रोजाना कबाड़ में आग लगाई जाती है। कबाड़ जलाने वाले भी शातिराना अंदाज में कबाड़ जला रहे हैं। पहले खुले में कबाड़ जलाने वालों को अधिकारी और ग्रामीण रोक देते थे, लेकिन अब खाली जमीन पर कबाड़ डालकर उसमें आग लगा दी जाती है। आग फैलने के बाद दमकल केंद्र में फोन कर दिया जाता है। इससे कुछ समय दमकल की गाड़ियों को पहुंचने में भी लगता है और तब तक वहां कबाड़ में आग फैल जाती है। दमकलकर्मियों द्वारा कार्रवाई की जाती है और आग बुझा दी जाती है। पिछले साल ऐसे कई मामले सामने आए हैं। आइएमटी मानेसर और आसपास के क्षेत्र में काफी कबाड़ी रहते हैं। ये आइएमटी की औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले रबड़, प्लास्टिक और कपड़े के कबाड़ को लेते हैं। कंपनी इनको हटाने के पैसे देती है। कबाड़ी इनको लेकर इनसे काम के सामान को रख लेते हैं और बाकी के कबाड़ को एक तरफ डालकर आग लगा देते हैं। आसपास के गांवों के सरपंचों की मांग है कि पुलिस द्वारा कबाड़ का कार्य करने और कबाड़ जलाने वालों पर कार्रवाई की जाए। इसके लिए सरपंचों ने पंचायत की ओर से पुलिस आयुक्त को सोमवार को पत्र भी भेजा है।

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औद्योगिक क्षेत्र के आसपास रोजाना खुले में कचरा जलाया जा रहा है। इसको लेकर कई बार शिकायत भी की जा चुकी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इससे प्रदूषण फैल रहा है।

प्रवीण धनखड़, सरपंच, गांव ढाणा ------------

गांवों के आसपास रहने वाले कबाड़ी रोजाना खुले में कचरा जलाते हैं। इस बारे में कई बार लिखित शिकायत दी जा चुकी है। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। पंचायत ने अपने स्तर पर मना भी किया है, फिर भी प्रदूषण फैलाया जा रहा है।

फकीरचंद, सरपंच, गांव कांकरौला


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