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तीन महीने के दौरान 200 एकड़ में तोड़े गए 100 अवैध फार्म हाउस

नगर योजनाकार विभाग की एन्फोर्समेंट टीम की तरफ से लगातार अवैध फार्म हाउस कालोनियों पर कार्रवाई की जा रही है। बीते तीन माह के भीतर चले आधा दर्जन अभियानों में लगभग 200 एकड़ जमीन पर विकसित किए जा रहे 100 फार्म हाउसों पर तोड़-फोड़ कार्रर्वा की गई है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 28 Jun 2021 08:17 PM (IST)Updated: Mon, 28 Jun 2021 08:44 PM (IST)
तीन महीने के दौरान 200 एकड़ में तोड़े गए 100 अवैध फार्म हाउस
तीन महीने के दौरान 200 एकड़ में तोड़े गए 100 अवैध फार्म हाउस

जागरण संवाददाता, नया गुरुग्राम: नगर योजनाकार विभाग की एन्फोर्समेंट टीम की तरफ से लगातार अवैध फार्म हाउस कालोनियों पर कार्रवाई की जा रही है। बीते तीन माह के भीतर चले आधा दर्जन अभियानों में लगभग 200 एकड़ जमीन पर विकसित किए जा रहे 100 फार्म हाउसों पर तोड़-फोड़ कार्रर्वा की गई है।

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एन्फोर्समेंट टीम से मिली जानकारी के अनुसार अवैध फार्म हाउसों में लगभग 80 एकड़ में दो कालोनी सोहना इलाके में विकसित की जा रही थी। इसके अलावा फरुखनगर, बंधवाड़ी, वजीरपुर, रायसिना हिल्स, बुढ़ेडा में काटे जा रहे थे। डीटीपीई आरएस बाठ का कहना है कि अरावली से सटे इलाकों में अवैध फार्म हाउसों को विकसित करने के प्रयास किए जाते रहे है। ऐसे में लगातार उनकी टीम के द्वारा उन इलाकों में नजर बनाए रखते है और समय-समय पर टीम के द्वारा सर्वे करा कार्रवाई अमल में लाई जाती है।

नगर योजनाकार विभाग की फार्म हाउस काटने के लिए 25 एकड़ की पॉलिसी भी है जिसके तहत लाइसेंस लेकर कालोनी विकसित की जा सकती है लेकिन इसके बावजूद बिना स्वीकृति के कालोनी काटी जा रही है। यही नहीं सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश है कि अरावली से सटे इलाकों में अवैध फार्म हाउसों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे मामलों में डीटीपी एन्फोर्समेंट की तरफ से जमीन मालिकों को चिन्हित करने के बाद संबंधित थानों में मामले भी दर्ज कराए जा रहे है।

छह महीने से हो रहा काम, विभाग बेखबर

गैरतपुरबास गांव से सटी अरावली की तलहटी में 20 एकड़ जमीन पर जिस अवैध फार्म हाउस कालोनी पर सोमवार को कार्रवाई की गई, वह बीते छह महीनों से विकसित की जा रही थी। लेकिन निर्माण कार्य लाकडाउन का फायदा उठाकर तेज किया गया। कालोनी में तीन निर्माणाधीन फार्म हाउस थे, एक सैंपल फार्म हाउस बनाकर तैयार किया हुआ था। एक निर्माणाधीन फार्म हाउस में तो परिवार शिफ्ट भी हो गया था, जिसने बेचने वाले का नाम लिखकर भी डीटीपीई की टीम को दिया है।

कालोनी काटने के लिए जमीन समतल की गई, पानी के लिए बोरवेल किए गए, पेड़ काटे गए और रोड नेटवर्क बिछाया गया लेकिन नगरपरिषद सोहना, वन विभाग और हाइड्रोलोजी विभाग पूरी तरह से बेखबर था। यहीं नहीं कालोनी के बिल्कुल साथ हाइटेंशन तार भी निकल रही है। अवैध फार्म हाउस कालोनी विकसित नहीं हो रोक के लिए प्रारंभिक जिम्मेदारी इन्हीं विभागों के अधिकारियों की थी।


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