शामलात देह भूमि बेचने के दोषियों को तीन-तीन साल की कैद
शामलात देह भूमि को अपनी जमीन बताकर बेचने के मामले में बुधवार को जिला अदालत ने सजा सुना दी। सभी छह आरोपितों को तीन-तीन साल की कैद की सजा सुना गई।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: शामलात देह भूमि को निजी जमीन बताकर बेचने के मामले में बुधवार को जिला अदालत ने दोषियों को सजा सुनाई। सभी छह दोषियों को तीन-तीन साल कैद की सजा सुना गई। इनमें से दो नायब तहसीलदार हैं। अदालत ने दोषी सुमन छाबड़ा के ऊपर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है जबकि अन्य के ऊपर 30-30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। सभी को पिछले सप्ताह अदालत ने दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सोहना निवासी सुशीला लाल ने 389 कनाल, 17 मरला शामलात देह भूमि को अपना हिस्सा बताकर दिल्ली टॉवर्स प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक सुमन छाबड़ा को 14.62 लाख रुपये में बेच दी थी। इसके बाद राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर दाखिल खारिज भी करा दिया था। बाद में 184 कनाल 12 मरला जमीन और बेच दी गई। शिकायत सामने आने पर जांच की गई तो पूरी सच्चाई सामने आ गई।
आरोपित के रूप में सुशीला लाल एवं सुमन छाबड़ा के अलावा तत्कालीन नायब तहसीलदार बाबूराम, नायब तहसीलदार मोहम्मद ईसाक, पटवारी टिपरचंद, जय सिंह, गिरदावर ओमप्रकाश एवं पटवारी मोहम्मद सद्दीक की पहचान की गई। सभी के खिलाफ 23 जून 2001 को मामला दर्ज कराया गया। अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान सुशीला लाल एवं टिपरचंद की मौत हो गई। तमाम सबूतों एवं गवाहों के बयान के आधार पर अदालत ने सभी छह आरोपितों को सजा सुना दी।