कॉलेजों में परीक्षाओं को लेकर तैयारियां शुरू
जिले के कॉलेजों में परीक्षाओं को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। रेलवे रोड स्थित द्रोणाचार्य महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. पूजा खुल्लर ने बताया कि 21 नवंबर से पहले तीसरे और पांचवें सेमेस्टर और छठे सेमेस्टर की री-अपीयर परीक्षाएं होंगी। इनमें सभी कोर्सों की रेगुलर और री-अपीयर दोनों ही परीक्षाएं शामिल हैं। सभी कोर्सों का पाठ्यक्रम पूरा करवा दिया गया है। इसके अलावा प्राध्यापकों की ड्यूटी निर्धारित कर दी गई है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : जिले के कॉलेजों में परीक्षाओं को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। रेलवे रोड स्थित द्रोणाचार्य महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. पूजा खुल्लर ने बताया कि 21 नवंबर से पहले तीसरे और पांचवें सेमेस्टर और छठे सेमेस्टर की री-अपीयर परीक्षाएं होंगी। इनमें सभी कोर्सों की रेगुलर और री-अपीयर दोनों ही परीक्षाएं शामिल हैं। सभी कोर्सों का पाठ्यक्रम पूरा करवा दिया गया है। इसके अलावा प्राध्यापकों की ड्यूटी निर्धारित कर दी गई है। परीक्षा के लिए कॉलेज में चार केंद्र बनाए गए हैं।
-
प्राध्यापकों की कमी, दूसरे कॉलेजों से बुलाए जाएंगे प्राध्यापक
कॉलेजों में प्राध्यापकों की काफी कमी है। कुछ विभागों में केवल एक या दो ही प्राध्यापक हैं। ऐसे में जिले के नए खुले कॉलेजों में भी प्राध्यापकों को डेपुटेशन पर भेजा जाता है। द्रोणाचार्य महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. पूजा खुल्लर ने बताया कि प्राध्यापकों की कमी के कारण सेक्टर 14 स्थित राजकीय महिला महाविद्यालय और सेक्टर नौ स्थित राजकीय महाविद्यालय से परीक्षाओं के लिए प्राध्यापक बुलाए जा रहे हैं।
-
19 नवंबर से दिए जाएंगे रोल नंबर
जिले के कॉलेजों में विद्यार्थियों को परीक्षाओं के लिए 19 नवंबर को रोल नंबर दिए जाएंगे। इसके लिए विद्यार्थियों को पहले नो-ड्यूज का फार्म भरकर 75 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज करवानी होगी। उसके बाद विद्यार्थियों को शुल्क जमा करवाना होगा। इसी के बाद उनको रोल नंबर दिए जाएंगे। री-अपीयर वाले रोल नंबर के लिए विद्यार्थियों को नो-ड्यूज फार्म नहीं भरना होगा।
--
रिठौज महाविद्यालय में नहीं बना परीक्षा केंद्र
जिले में इस सत्र से रिठौज में शुरू हुए नए महाविद्यालय के विद्यार्थियों को परीक्षा के लिए शहर के कॉलेजों में आना होगा। रिठौज स्थित कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विजय अदलखा ने बताया कि कॉलेज को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया गया है। कॉलेज में कमरे तो हैं लेकिन विद्यार्थियों की संख्या को देखते हुए विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा केंद्र नहीं बनाया गया। ऐसे में विद्यार्थियों को परीक्षाओं के लिए शहर के कॉलेजों में आना होगा।