टोल मुक्त गांव से फास्टैग के नाम पर वसूली का आरोप
खेड़की दौला गांव के लोगों ने पुलिस आयुक्त केके राव को पत्र लिखकर टोल मुक्त गांव के लोगों से फास्टैग के नाम पर खेड़की दौला टोल प्लाजा पर संचालक कंपनी द्वारा रकम वसूलने का आरोप लगाया है।
संवाद सहयोगी, बादशाहपुर: खेड़की दौला गांव के लोगों ने पुलिस आयुक्त केके राव को पत्र लिखकर टोल मुक्त गांव के लोगों से फास्टैग के नाम पर खेड़की दौला टोल प्लाजा पर संचालक कंपनी द्वारा रकम वसूलने का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि उच्च न्यायालय ने भी ग्रामीणों के पक्ष में फैसला दिया था। उसके बावजूद टोल कंपनी ग्रामीणों से फास्टैग देने के नाम पर पैसे वसूल रही है। फास्टैग लेने के बाद उसमें कम पैसा होने पर भी ग्रामीणों को टोल पर परेशान किया जाता है।
खेड़की दौला गांव के दिनेश कुमार, अनिल कुमार, संजय, दिनेश यादव, थान सिंह, रमेश, सुनील ने खेड़की दौला टोल प्लाजा प्रबंधन के खिलाफ पुलिस आयुक्त केके राव को शिकायत दी है। दिल्ली- गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर खेड़की दौला में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का टोल प्लाजा बना हुआ है, जिसका संचालन प्राइवेट कंपनी के पास है। इस टोल प्लाजा के आसपास के 31 गांव को टोल मुक्त किया गया है।
अदालत ने टोल प्रबंधन को इन 31 गांव के लोगों को फास्टैग देने के निर्देश दिए थे। ग्रामीणों का आरोप है कि टोल प्रबंधन इन ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को फास्टैग उपलब्ध तो करा रहा है लेकिन फास्टैग की कीमत करीब ढाई सौ रुपये वसूली जा रही है। यह नियमानुसार गलत है। इसके अलावा ग्रामीणों का कहना है कि टोल प्रबंधन ने जिन लोगों को फास्टैग जारी कर दिए। वे लोग अगर टोल पार करते हैं तो उस समय उन लोगों को फास्टैग में कम से कम एक निर्धारित राशि रखने का दबाव डालते हैं। अगर किसी के फास्टैग में राशि नहीं है तो उस व्यक्ति को टोल पर टोल कर्मी परेशान करते हैं।
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इस टोल प्लाजा पर आसपास के जितने भी गांव टोल मुक्त हैं। उन गांव के वाहनों की आरसी पर अंकित पता देख कर ही उनसे कोई टोल नहीं वसूला जाता है। फास्टैग केवल एक ही टोल के लिए जारी नहीं किया जाता है। उसको अलग से एक एजेंसी जारी करती है। वह उसके लिए राशि लेती है तो उसके बारे में हमें जानकारी नहीं है।
अमरजीत सिंह, असिस्टेंट मैनेजर, टोल प्लाजा, खेड़की दौला