Move to Jagran APP

रिश्वत कांड: न्यायिक हिरासत में भोंडसी जेल भेजा इंस्पेक्टर विशाल

दिल्ली के काल सेंटर संचालक नवीन भूटानी से रिश्वत लेने के आरोपित निलंबित इंस्पेक्टर विशाल को रविवार दोपहर अदालत में पेश किया गया जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भोंडसी जेल भेज दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Jan 2021 07:24 PM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 07:24 PM (IST)
रिश्वत कांड: न्यायिक हिरासत में भोंडसी जेल भेजा इंस्पेक्टर विशाल

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: दिल्ली के काल सेंटर संचालक नवीन भूटानी से रिश्वत लेने के आरोपित निलंबित इंस्पेक्टर विशाल को रविवार दोपहर अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भोंडसी जेल भेज दिया गया। उसने 11 जनवरी को आत्मसमर्पण किया था। इसके बाद तीन-तीन दिन की रिमांड पर दो बार फरीदाबाद विजिलेंस की टीम ने उसे लिया लेकिन उसने मुंह नहीं खोला। इस तरह रिश्वत के 57 लाख रुपये कहां गए, यह राज फिलहाल सामने नहीं आ पाया है। दो बार रिमांड लेने के बाद भी मुंह नहीं खोलने पर ऐसा लग रहा था कि टीम तीसरी बार रिमांड मांगेगी लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इस वजह से अदालत में पेश करने के कुछ ही देर बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

loksabha election banner

पिछले महीने रिश्वत कांड 28 दिसंबर की रात फरीदाबाद विजिलेंस की टीम द्वारा खेड़कीदौला थाने में तैनात रहे हेड कांस्टेबल अमित को पांच लाख रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार करने के साथ सामने आया था। उसने स्वीकार किया था कि थाने के प्रभारी रहे इंस्पेक्टर विशाल के कहने पर पैसे लेने पहुंचा था। जब आगे मामले की छानबीन की गई तो पता चला कि कुछ दिनों पहले काल सेंटर संचालक को बंधक बनाकर 57 लाख रुपये लिए गए थे। बाद में लैपटाप लौटाने के नाम पर 10 लाख रुपये की मांग की गई थी। परेशान होकर संचालक ने विजिलेंस में शिकायत की थी। साफ है कि यदि लैपटाप लौटाने के नाम पर 10 लाख रुपये की मांग नहीं की जाती तो मामला सामने ही नहीं आता।

हालांकि रिमांड के दौरान इंस्पेक्टर विशाल द्वारा मुंह न खोलने से भी मामले पर पूरी तरह पर्दा नहीं उठ पाया है। बताया जाता है कि 57 लाख में से 50 लाख रुपये ऊपर पहुंचाए गए थे। किसके पास पहुंचाए गए थे, यह जानकारी इंस्पेक्टर से ही हासिल होनी थी। इंस्पेक्टर विशाल के अधिवक्ता व जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एसएस चौहान एवं अधिवक्ता मंदीप सेहरा का कहना है कि टीम ने छह दिन तक पू्छताछ की लेकिन कुछ भी हासिल नहीं हुआ।

इधर, पूरे पुलिस महकमे की नजर अदालत पर टिकी रहीं। सभी को लग रहा था कि टीम फिर रिमांड पर लेगी लेकिन टीम ने ही रिमांड नहीं मांगा। इसे लेकर भी तरह-तरह की चर्चाएं चलनी शुरू हो गई हैं। एक चर्चा यह है कि आखिर कुख्यात बदमाशों से सबकुछ उगलवा लेने वाली पुलिस इंस्पेक्टर से क्यों नहीं कुछ उगलवा पाई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.