Move to Jagran APP

रिश्वत कांड : निलंबित इंस्पेक्टर विशाल को मिली जमानत

रिश्वत कांड में आरोपित निलंबित इंस्पेक्टर विशाल को जिला अदालत ने जमानत दे दी। पांच अप्रैल को जमानत की अर्जी लगाई गई थी। अर्जी पर बहस के बाद बुधवार शाम जमानत दे दी गई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 07 Apr 2021 07:14 PM (IST)Updated: Wed, 07 Apr 2021 07:14 PM (IST)
रिश्वत कांड : निलंबित इंस्पेक्टर विशाल को मिली जमानत
रिश्वत कांड : निलंबित इंस्पेक्टर विशाल को मिली जमानत

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : रिश्वत कांड में आरोपित निलंबित इंस्पेक्टर विशाल को जिला अदालत ने जमानत दे दी। पांच अप्रैल को जमानत की अर्जी लगाई गई थी। अर्जी पर बहस के बाद बुधवार शाम जमानत दे दी गई। मामले के अन्य आरोपित कांस्टेबल अमित व जसबीर एवं फार्म हाउस संचालक केके यादव न्यायिक हिरासत में हैं। सभी के खिलाफ अदालत में चालान पेश किया जा चुका है। 15 अप्रैल को आरोप तय किए जा सकते हैं। गत वर्ष 28 दिसंबर की रात फरीदाबाद की विजिलेंस टीम ने खेड़कीदौला थाने में तैनात रहे कांस्टेबल अमित को दिल्ली में काल सेंटर का संचालन करने वाले नवीन भूटानी से पांच लाख रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। पूछताछ में उसने थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर विशाल सहित अन्य आरोपितों के नाम लिए थे। नाम सामने आते ही पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था। जब छानबीन शुरू हुई तो पता चला कि काल सेंटर संचालक से पहले 57 लाख रुपये लिए गए थे। उन्हें एक फार्म हाउस में बंधक बनाकर कई दिनों तक रखा गया था। पैसे देने के लिए उन्होंने परिवार के गहने तक बेच दिए थे। पैसे देने के बाद भी उनका लैपटाप पुलिसकर्मियों ने रख लिया था। बाद में इसे लौटाने के नाम पर भी लाखों रुपये मांगे जा रहे थे। परेशान होकर उन्होंने शिकायत विजिलेंस में कर दी थी। इसके बाद टीम ने पांच लाख रुपये लेते हुए कांस्टेबल अमित को गिरफ्तार किया था, फिर पूछताछ से पूरी कहानी सामने आई थी। अमित की गिरफ्तारी के साथ ही इंस्पेक्टर विशाल फरार हो गया था। कई दिनों बाद 11 जनवरी उसने अदालत में सरेंडर किया था। मामले में चालान पेश किए जाने के बाद उसने जमानत की अर्जी लगाई, जिसे अदालत ने मंजूर कर ली। इंस्पेक्टर विशाल के अधिवक्ता राहुल चौहान ने बताया कि पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सरकार से संस्तुति आवश्यक है। सरकार से संस्तुति मिल जाती है तो फर 15 अप्रैल को सुनवाई के दौरान आरोप तय हो सकते हैं यानी चार्ज फ्रेम हो सकता है। वैसे मामले में अभी जांच जारी है। इसका मतलब है कि आगे और नाम जुड़ सकते हैं।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.