जाटौली मंडी व खोड़ में दूसरे दिन 2101 क्विटल गेहूं खरीद हुई
गेहूं व सरसों खरीद के दूसरे दिन जाटौली मंडी व खोड़ में मात्र 2101 क्विटल गेहूं की ही खरीद हो पाई। मालूम हो कि सरकार व प्रशासन ने यहां प्रतिदिन 20000 क्विटल गेहूं व 8000 क्विटल सरसों खरीद का ही लक्ष्य रखा है
संवाद सहयोगी, पटौदी: गेहूं व सरसों खरीद के दूसरे दिन जाटौली मंडी व खोड़ में मात्र 2101 क्विटल गेहूं की ही खरीद हो पाई। मालूम हो कि सरकार व प्रशासन ने यहां प्रतिदिन 20,000 क्विटल गेहूं व 8000 क्विटल सरसों खरीद का ही लक्ष्य रखा है और निर्णय लिया है कि बाजरा खरीद की भांति मैसेज भेजकर किसानों को बुलवाएंगे। लेकिन एक अप्रैल के लिए यहां किसी के पास मैसेज नहीं आया व इसलिए खरीद नहीं हो सकी।
दो अप्रैल की गेहूं खरीद के लिए भी एक अप्रैल को मैसेज न भेजकर दो अप्रैल की दोपहर को ही 62 किसानों के पास मैसेज भेजे गए। इससे जाटौली मंडी में केवल 32 किसान ही अनाजमंडी में अपनी गेहूं ला पाए व कुल 1715 क्विटल गेहूं ही खरीदी गई। इधर, खोड़ में छह किसान अपनी गेहूं लेकर पहुंचे व केवल 386 क्विटल गेहूं की ही खरीद हो पाई। इस प्रकार दोनों मंडियों में मिलाकर कुल 2101 क्विटल गेहूं की खरीद हुई। इधर इस नई प्रणाली से किसान नाखुश हैं।
भारतीय किसान संघ के प्रदेशाध्यक्ष मास्टर ओम सिंह का कहना है समय रहते किसानों को संदेश नहीं गए। दूसरा यदि सरकार समय रहते संदेश भेजेगी तो भी प्रारंभ में जाटौली मंडी में 20,000 क्विटल गेहूं खरीद का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाएगा क्योंकि अनेक किसानों ने तो अभी गेहूं काटा ही नहीं है। उनका कथन है कि जिन किसानों ने गेहूं की फसल निकाल ली है उनका गेहूं अभी न खरीदना व उन्हें अनावश्यक रूप से इंतजार करने को कहना उनसे अन्याय है।
मास्टर ओम सिंह का ने मांग की है कि जब तक किसान बड़े स्तर पर गेहूं मंडी में नहीं लाते सरकार तब तक पहले आओ पहले बेचो के आधार पर उनसे गेहूं की खरीद प्रारंभ करे। चाहे वह बेशक 20,000 क्विटल प्रतिदिन ही खरीदे। मंडी में अधिक गेहूं आनी प्रारंभ होने पर फिर बेशक वह नंबर प्रणाली लागू कर दें।