बंदी की फरारी से भोंडसी जेल की सुरक्षा पर सवाल
भोंडसी जेल से शुक्रवार की दोपहर में फिल्मी अंदाज में बंदी अमित की फरारी ने जेल की सुरक्षा पर कई तरह के सवाल खड़े कर दिए। जेल वार्डनों की लापरवाही से जेल पहले भी कई मामलों में बदनाम रही है। इस घटना के बाद से जेल अधीक्षक से लेकर आला अधिकारी सकते में हैं कि आखिर सुरक्षा में इतना बड़ा छेद कैसे हो गया। सबसे बड़ी बात तो यह रही कि जेल प्रशासन को एक बजे से फरार बंदी का शाम तक पता ही नहीं लग पाया। जेल में सीसीटीवी कैमरे व इतनी सुरक्षा कहां चली गई। इस फरारी ने सुरक्षा की पोल खोल दी। भोंडसी जेल से पहले भी एक कैदी ने फरार होने का प्रयास किया था पर वह कामयाब नहीं हो सका था।
महावीर यादव, बादशाहपुर (गुरुग्राम) : भोंडसी जेल से बंदी अमित की फरारी ने जेल की सुरक्षा पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जेल अधीक्षक से लेकर आला अधिकारी सकते में हैं कि आखिर सुरक्षा में इतना बड़ा छेद कैसे हो गया। सबसे बड़ी बात तो यह रही कि सीसीटीवी और कड़ी सुरक्षा के बावजूद जेल प्रशासन को एक बजे से फरार बंदी का शाम तक पता ही नहीं लग पाया।
भोंडसी जेल प्रदेश में सबसे अधिक संवेदनशील
भोंडसी जेल को प्रदेश की जेलों में सबसे संवेदनशील व सुरक्षित माना जाता है। उत्तर प्रदेश (बागपत) में जेल के अंदर गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या के बाद वहां के पूर्व डीजीपी सुलखान ¨सह, पूर्व आइजी हरिशंकर ¨सह व आइजी जेल डॉ. शरद की तीन सदस्यीय टीम ने भोंडसी जेल का दौरा किया और यहां की सुरक्षा व्यवस्था की तारीफ की थी। अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश की जेलों में भी इसे लागू करवाने की सिफारिश की है। जेल अधीक्षक जेके छिल्लर ने भी जेल में कैदी तक पहुंचने के लिए छह सुरक्षा घेरे दिखाए थे, लेकिन बंदी अमित के सामने पूरी सुरक्षा व्यवस्था फेल हो गई।
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खुफिया टीम भी फेल
सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने व कैदियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए जेल के सुरक्षा इंचार्ज उपाधीक्षक साजिद खान ने परिसर में खुफिया टीम छोड़ रखी है। इसे क्यूआरटी (क्विक रेसपॉन्स टीम) भी कहा जाता है। इसमें राजकुमार, सोनू व सुरेश वार्डन शामिल हैं। टीम जेल में कैदियों पर निगरानी रखती है। कोई भी आहट होने पर ये अधिकारियों को तुरंत रिपोर्ट करते हैं। सवाल है कि कूड़े की ट्राली जेल में अंदर गई और कूड़ा भरने के बाद बंदी अमित उसमें सवार हो गया तो टीम के सदस्यों की नजर अमित पर क्यों नहीं पड़ी।
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बुर्ज 2 और 3 पर तैनात वार्डन क्या कर रहे थे
बाहरी सुरक्षा के लिए जेल की दीवारों पर चारों तरफ सुरक्षा बुर्ज हैं। इन पर सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं ताकि जेल की दीवार के आसपास होने वाली हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके। जेल की दीवार के पास ही कूड़ा डालने का स्थान निर्धारित है। बुर्ज नंबर 2 व 3 के बीच में ट्राली से कूड़ा खाली किया गया। वहां से जेल की दीवार के साथ ही अमित जंगल की तरफ निकल गया। जेल की दीवार के साथ-साथ उसको जाते हुए बुर्ज पर तैनात सुरक्षा कर्मियों ने भी नहीं देखा।
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लापरवाही से रही जेल बदनाम जेल में कैदियों को मोबाइल पहुंचाने व मादक द्रव्य पदार्थ सप्लाई कराने में कई जेलकर्मी पकड़े जा चुके हैं। एक महिला वार्डन का नाम तो एक उच्चाधिकारी ने अपनी जांच रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से लिखकर महानिदेशक को सौंपा था। पिछले साल उत्तर प्रदेश के ही एक गैंगस्टर व उसकी पत्नी की जेल में नियमों के खिलाफ जाकर अंधेरे में मुलाकात कराने का मामला भी काफी गर्म रहा था। जेल के एक अधिकारी का नाम उस मामले में आया था। आइजी (जेल) जगजीत ¨सह ने अपनी रिपोर्ट में अधिकारी को दोषी भी ठहराया था लेकिन एक महिला वार्डन व एक सहायक को निलंबित करके खानापूर्ति कर दी गई। उस अधिकारी को पुलिस महानिदेशक ने जेल मुख्यालय पर रिपोर्ट करने के आदेश जारी कर दिए। एक उपाधीक्षक को भी लापरवाही बरतने पर मुख्यालय बुला लिया गया था।
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लापरवाही या साजिश
जेल महानिदेशक के. साल्वराज ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। भोंडसी थाना पुलिस भी पूरी गहनता से जुटी है। विशेषज्ञों की टीम सीसीटीवी फुटेज बारीकी से जांच रही है। सफाई कर्मियों पर विशेष नजर है। उनके मोबाइल के कॉल डिटेल भी देखी जाएगी। बंदी अमित की फरारी में केवल जेल प्रशासन की लापरवाही है या कोई साजिश, इसका पर्दाफाश जांच के बाद ही हो पाएगा। ------------
शुक्रवार का घटनाक्रम
दोपहर 12.35 ट्रैक्टर कूड़ा लेने जेल में गया
1.16 मिनट पर ट्रैक्टर ड्योढ़ी से बाहर निकला, जिसमें अमित फरार हो गया
1.20 पर ट्रैक्टर ने जेल की दीवार के साथ बने गड्ढे में कूड़ा डाला
शाम 7.00 गिनती बंद होने पर अमित की कमी जेल प्रशासन के नोटिस में आई
7.30 पर दोबारा गिनती कराई गई
शनिवार का घटनाक्रम
सुबह 4.00 बजे भोंडसी थाना को सूचना दी गई
सुबह 4.01 बजे पुलिस ने एंट्री दर्ज की।