जल संचयन के लिए बेहतर कार्ययोजना जरूरी, तभी मिलेगा अच्छा परिणाम : केशनी आनंद
रियाणा जल संसाधन प्राधिकरण (एचडब्ल्यूआरए) की चेयरपर्सन केशनी आनंद अरोड़ा ने कहा कि गुरुग्राम में भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने और वेस्ट वाटर प्रबंधन को लेकर एक बेहतर कार्ययोजना की जरूरत है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण (एचडब्ल्यूआरए) की चेयरपर्सन केशनी आनंद अरोड़ा ने कहा कि गुरुग्राम में भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने और वेस्ट वाटर प्रबंधन को लेकर एक बेहतर कार्ययोजना की जरूरत है। ऐसा होगा तो ही सुखद परिणाम आएंगे। उन्होंने यह बातें मंगलवार को वीडियो कान्फ्रेंसिग के जरिये गुरुग्राम जिले के वाटर प्लान को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता के दौरान कही। बैठक में जिला उपायुक्त डा. यश गर्ग सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा जिले में जल संचयन के लिए कार्य कर रही स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधि भी जुड़े।
केशनी आनंद अरोड़ा ने कहा कि गुरुग्राम शहर में वेस्ट वाटर का सदुपयोग करने की दिशा में गंभीरता से प्रयास करने होंगे। आने वाली पीढि़यों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए बेहतर वाटर प्लान के साथ अभी से प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मिलेनियम सिटी का दर्जा प्राप्त शहर पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान रखने के साथ ही प्रदेश की आर्थिक राजधानी भी है। ऐसे में यहां जल संचयन के लिए विशेष फोकस किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम में घटते भूजल स्तर और जल संचयन को लेकर ठोस रणनीति जरूरी है।
केशनी आनंद अरोड़ा ने कहा कि जल संचयन से जुड़े विभागों को गंभीरता से कार्य करने के साथ-साथ जल संचयन प्रबंधन के क्षेत्र में कार्यरत एनजीओ तथा अन्य संस्थानों से सहयोग लेना चाहिए। बैठक में एचडब्ल्यूआरए के मेंबर संजय मारवाह ने जिले में जल संचयन की मौजूदा स्थिति तथा भविष्य को लेकर एक संक्षिप्त प्रेजेंटेशन भी दी। उन्होंने कहा कि हमें गुरुग्राम में सभी बड़े संस्थानों की बिल्डिग से निकलने वाले वेस्ट वाटर का उपयोग उसी के कैचमेंट एरिया में करना होगा।
बैठक में सहगल फाउंडेशन से जुड़े ललित ने अपने विचार रखते हुए कहा कि गुरुग्राम शहर में प्रत्येक क्षेत्र में स्थित पार्कों में वाटर रिचार्जिंग सिस्टम की स्थापना एक बेहतर विकल्प हो सकता है। सिचाई तथा जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता डा. शिव सिंह रावत में भी दमदमा झील के सुंदरीकरण को लेकर अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए है।
उपायुक्त डा. यश गर्ग ने कहा कि जल संचयन नियमों के उल्लंघन पर जिला प्रशासन नजर रखे हुए है। केशनी आनंद अरोड़ा ने जिला उपायुक्त को निर्देश दिया कि जल संचयन की जिला कमेटी के नीचे एक सब-कमेटी का गठन किया जाए। यह सब-कमेटी प्रतिदिन की ग्राउंड रिपोर्ट तैयार कर कमेटी के सामने रखे ताकि भविष्य के लिए बेहतर रणनीति बनाई जा सके।