कोहरे के दौरान संभल कर चलें, सड़कों पर हैं जानलेवा गड्ढे व स्पीड ब्रेकर
सर्दी शुरू हो चुकी है धीरे-धीरे कोहरे का माहौल भी बनने लगा है। हर साल कोहरे के दौरान गुरुग्राम में काफी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। इन दुर्घटनाओं की संभावनाओं में सड़कों पर बने स्पीड ब्रेकर और गड्ढे इजाफा कर देते हैं।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : सर्दी शुरू हो चुकी है धीरे-धीरे कोहरे का माहौल भी बनने लगा है। हर साल कोहरे के दौरान जिले में काफी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। इन दुर्घटनाओं की संभावनाओं में सड़कों पर बने स्पीड ब्रेकर और गड्ढे इजाफा कर देते हैं। लोगों का कहना है कि जब कोहरा घना हो जाता है तो सड़कों में बने गड्ढे वाहन चालकों को दिखाई नहीं देते। ऐसे में वह इसकी चपेट में आ जाते हैं। इस कारण हर साल काफी छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं हो जाती हैं। कोहरे में सड़कों पर नहीं दिखने वाले स्पीड ब्रेकर भी वाहन चालकों के जीवन के लिए संकट बन जाते हैं।
शहर की शायद ही ऐसी कोई सड़क हो जिसमें गड्ढे नहीं हो। नए और पुराने दोनों शहरों की सड़कों में अनेक गड्ढे हैं। जो बारिश के दिनों में लोगों को परेशान तो करते ही करते हैं, मगर सर्दी के दौरान जब घना कोहरा छाने लगता है तो यह जानलेवा हो जाते हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि सड़कों के रखरखाव और मरम्मत के जिम्मेदार सरकारी विभाग सालों साल से सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने की बातें तो करते हैं लेकिन धरातल पर इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं दिखता है। सेक्टर-4 निवासी परमिदर डुडेजा का कहना है कि शहर के रेलवे रोड पर गड्ढ़ों की भरमार है। इन्हें भरने को लेकर जो भी काम होता है वह ठोस नहीं होता है। इसकी सिर्फ औपचारिकता निभाई जाती है। एक माह के अंदर स्थिति जस की तस हो जाती है।
शहर के एमजी रोड, सिकंदरपुर मेट्रो स्टेशन के पास टूटी सड़क, झाड़सा रोड, आरडी सिटी, सुशांत लोक, ओल्ड रेलवे रोड, न्यू रेलवे रोड, शीतला माता रोड, ओल्ड दिल्ली रोड, महरौली रोड, पटौदी रोड, बसई रोड, सेक्टर-44 रोड, गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड, पालम विहार रोड, सहारा मॉल के सामने टूटा फुटपाथ, बादशाहपुर रोड, उद्योग विहार की आंतरिक रोड, सेक्टर-37 औद्योगिक क्षेत्र की रोड, पेस सिटी, कादीपुर, दौलताबाद और सोहना रोड की सड़कों पर गड्ढे और स्पीड ब्रेकर की भरमार हैं। जो कोहरे के दौरान वाहन चालकों के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन जाता है। सेक्टर-15 निवासी विरेन का कहना है कि इन सड़कों पर बने गड्ढों को भरने के लिए संबंधित विभागों में लोगों द्वारा काफी शिकायतें की जाती हैं इसके बावजूद इन्हें नहीं भरा जाता है। इनका कहना है कि सड़कों पर जगह-जगह बने स्पीड ब्रेकर तय मापदंड के मुताबिक नहीं हैं। कई ऐसे ब्रेकर हैं जिन पर अप्रत्याशित उछाल हैं। चेतावनी बोर्ड व स्पीड ब्रेकर पर सफेद पट्टी भी नहीं जाती है। पिछले साल ओल्ड रेलवे रोड पर जनवरी में कोहरे के दौरान बाइक सवार एक व्यक्ति स्पीड ब्रेकर की चपेट में आकर गिर गया था, जिससे उसका पैर टूट गया था। हरपथ मोबाइल एप का भी नहीं दिखा असर
प्रदेश की पिछली सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री रहे राव नरबीर सिंह अपने पांच वर्ष के कार्यकाल के दौरान गुरुग्राम की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का दावा करते रहे। इसके बावजूद सड़कों पर गड्ढे कम होने के स्थान पर अधिक जरूर हुए। स्थानीय लोगों को कहना है कि पूर्व मंत्री राव नरबीर के समय जो हुआ वह प्रदेश की नई सरकार के कार्यकाल में नहीं होना चाहिए। गुरुग्राम के लोगों को गड्ढा मुक्त सड़क चाहिए। शहर की सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने को लेकर पिछले पांच साल से सिर्फ बातें ही हो रही हैं। जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं हुआ है। कोहरे शुरू होते ही सड़क पर बना एक-एक गड्ढा जानलेवा हो जाता है। ऐसे में दुघर्टना होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। इसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए।
हरिद्र ढींगरा, आरटीआइ कार्यकर्ता सर्दी की शुरुआत हो चुकी है ऐसे में किसी भी समय से कोहरे का कहर शुरू हो सकता है। शहर की सड़कों पर बने गड्ढे और स्पीड ब्रेकर सड़क दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। हर साल ऐसा होता भी है। सड़क निर्माण और रखरखाव के जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों को इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
प्रवीण यादव, अध्यक्ष, गुड़गांव उद्योग एसोसिएशन गड्ढे व स्पीड ब्रेकर के चलते हुए हादसे
- 2 जनवरी : दिल्ली रोड पर कोहरे के दौरान सड़क का गड्ढा नहीं दिखाई देने से डूंडाहेड़ा निवासी नमन बूरी तरह से घायल हुए थे। कई दिन बाद अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
- 7 जनवरी : पालम विहार की मुख्य रोड पर गड्ढा होने से कार अनियंत्रित होकर पलटी थी। कार सवार एक युवक की मौके पर मौत हो गई थी।