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अरावली को बचाने के लिए शुरू किया जागरूकता अभियान

अरावली को बचाने के लिए पर्यावरण कार्यकर्ता व सेवानिवृत्त मुख्य नगर योजनाकार प्रो. केके यादव ने जागरूकता अभियान शुरू किया है। इसकी शुरुआत उन्होंने इसी सप्ताह बुधवार से की है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 May 2020 04:58 PM (IST)Updated: Fri, 22 May 2020 04:58 PM (IST)
अरावली को बचाने के लिए शुरू किया जागरूकता अभियान
अरावली को बचाने के लिए शुरू किया जागरूकता अभियान

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: अरावली को बचाने के लिए पर्यावरण कार्यकर्ता व सेवानिवृत्त मुख्य नगर योजनाकार प्रो. केके यादव ने बुधवार से जागरूकता अभियान शुरू किया है। उनकी टीम में चार अन्य लोग पूर्व जिला पार्षद अजीत सिंह, कर्नल (रिटा.) पर्वत सिंह, कर्नल (रिटा.) एससी गुलाटी एवं अमित यादव शामिल हैं। सभी सप्ताह में एक दिन किसी न किसी इलाके में शारीरिक दूरी का ध्यान रखते हुए पैदल यात्रा करेंगे। यात्रा के दौरान लोगों को अरावली के बारे में जागरूक करेंगे। यही नहीं जो भी समस्याएं दिखाई देंगी, उनके बारे में वन विभाग को सूचित करेंगे।

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दैनिक जागरण से बातचीत में मानेसर निवासी प्रो. केके यादव ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर को बचाने के लिए अरावली को बचाना होगा। लॉकडाउन के दौरान अरावली काफी सुरक्षित रही। वन्य जीव हर तरफ विचरण कर रहे हैं। यात्रा के दौरान उन्हें मानेसर की पहाड़ी में बने राम मंदिर के नजदीक तेंदुए के पांव के निशान दिखाई दिए। इससे साफ है कि वन्य जीव खुली हवा में सांस ले रहे हैं। अगर अरावली पहाड़ी क्षेत्र में अतिक्रमण बंद हो जाए तो न केवल कुछ ही समय के भीतर चारों तरफ घनी हरियाली हो जाएगी बल्कि वन्य जीवों की संख्या में भी काफी बढ़ोत्तरी हो जाएगी। प्रो. केके यादव ने बताया कि यात्रा के दौरान लोगों से संवाद किया जाएगा। उनसे कहा जाएगा कि वे अरावली में बिना काम के न जाएं। यदि कोई अतिक्रमण करता है तो उसकी शिकायत प्रशासन से करें।

प्रो. केके यादव कहते हैं कि अरावली इलाके में काफी संख्या में प्राकृतिक तालाब हैं। सभी से मिंट्टी की छंटाई आवश्यक है। जितनी बारिश होती है, उसी के पानी का यदि संचयन कर दिया जाए तो इलाके में कभी पानी की कमी नहीं रहेगी। जहां भी तालाब में पानी है वहां पर वन्य जीव अपनी प्यास बुझाने के लिए पहुंचते हैं।


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