सांडों की लड़ाई में कार व बाइक हुईं बर्बाद
छुंट्टा पशुओं को पकड़ने का दावा करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों के दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। छुंट्टा सांड यहां के लोगों के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं।
संवाद सहयोगी, फरुखनगर: बेसहारा पशुओं को पकड़ने का दावा करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों के दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। खुले सांड यहां के लोगों के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं। कई लोगों पर हमला कर घायल कर चुके हैं। बुधवार सुबह नगर पालिका कार्यालय के सामने दो सांड भिड़ गए। लड़ाई में दोनों ने दो कारे व दो मोटरसाइकिल क्षतिग्रस्त कर दीं। स्कूल जा रहे दो बच्चों पर भी हमला किया मगर बच्चे दुकान में घुस गए, जिसके चलते बच गए। इससे पहले एक सांड एक बुजुर्ग को घायल कर चुका है। सांड आए दिन किसी ना किसी को नुकसान पहुंचाते रहते हैं। कस्बे के लोग परेशान आ चुके हैं।
धनखड़ स्कूल के प्रिसिपल धर्मबीर धनखड़, समाज सेवी भीम सिंह सारवान, हिमांशु कौशिक, रामबीर यादव, विक्की, सुरेंदर सारवान, बालकिशन, कृष्ण कुमार लोगों ने बताया कि बेसहारा पशुओं की बढ़ती संख्या लोगों के लिए सिरदर्द और जान का खतरा बन रही है। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों ने आंखों पर पट्टी बांध रखी है। ऐसे में कभी किसी के साथ हादसा हुआ तो फिर जिम्मेदारों को जवाब देना भारी पड़ेगा। बेसहारा पशुओं को पकड़कर गोशाला या जंगल में छोड़ने की ड्यूटी नगर पालिका या गोशाला की है, लेकिन नगर पालिका की लापरवाही से शहर में लावारिस पशुओं की संख्या बढ़ रही हैं।