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26 साल देश सेवा के बाद हंसराज कर रहे हैं अब मरीजों की सेवा

फौज में रहकर 26 साल तक देश सेवा करने वाले हंसराज अब मरीजों की सेवा कर रहे हैं। तीन साल से स्वास्थ्य विभाग में बतौर मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर (एमपीएचडब्ल्यू) कार्यरत हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 31 May 2021 07:36 PM (IST)Updated: Mon, 31 May 2021 07:36 PM (IST)
26 साल देश सेवा के बाद हंसराज कर रहे हैं अब मरीजों की सेवा
26 साल देश सेवा के बाद हंसराज कर रहे हैं अब मरीजों की सेवा

महावीर यादव, बादशाहपुर (गुरुग्राम)

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फौज में रहकर 26 साल तक देश सेवा करने वाले हंसराज अब मरीजों की सेवा कर रहे हैं। तीन साल से स्वास्थ्य विभाग में बतौर मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर (एमपीएचडब्ल्यू) कार्यरत हैं। कोरोना काल में वे न केवल घर-घर जाकर कोरोना संक्रमित लोगों को होम आइसोलेट किट वितरित कर रहे हैं, बल्कि मरीजों को प्रोनिग प्रक्रिया से आक्सीजन की मात्रा बढ़ाने को भी प्रेरित करते हैं।

मूल रूप से रोहतक जिले के गांव सुडाणा के रहने वाले हंसराज ने 26 साल तक फौज में आर्मी मेडिकल कोर में रहकर देश सेवा की। 2018 में सेवानिवृत्ति के बाद वे स्वास्थ्य विभाग में बतौर एमपीएचडब्ल्यू तैनात हो गए। वजीराबाद प्राथमिक चिकित्सा केंद्र के अंतर्गत बंधवाड़ी सब सेंटर पर कार्यरत हैं। उनके कार्यक्षेत्र में बलियावास, बंधवाड़ी, ग्वाल पहाड़ी के अलावा वैली व्यू सोसायटी और बीएसएफ सोसायटी आती हैं। कोरोनाकाल के दौरान सोसायटी में काफी संक्रमण के मामले आए। हंसराज संक्रमित लोगों के घर-घर जाकर उनको स्वास्थ्य विभाग की तरफ से निश्शुल्क दी जाने वाली आयुष किट और होम आइसोलेशन किट उपलब्ध कराते हैं। स्वजन की जांच के लिए नमूने लेते हैं। संक्रमित मरीजों को वे घर में ही अलग कमरे में आइसोलेट होने की सलाह देते हैं। ऐसे मरीजों को वे घर पर ही रहकर दवा लेने के साथ खाने-पीने का ध्यान रखने को भी प्रेरित करते हैं। साथ ही आक्सीजन लेवल समय-समय पर जांचते रहने के प्रति भी जागरूक करते हैं। हंसराज का कहना है कि कोरोना काल में आक्सीजन का स्तर बढ़ाने के लिए तरह-तरह की बातें सामने आती हैं। आक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए प्रोनिग प्रक्रिया सबसे ज्यादा कारगर है।

कोविड-19 मरीज अपने शरीर में आक्सीजन की मात्रा बढ़ाने के लिए प्रोनिग प्रक्रिया अर्थात पेट के बल लेटकर अपने स्वास्थ्य में सुधार ला सकते हैं। ऐसा करने से शरीर में आक्सीजन का स्तर काफी बढ़ जाता है। होम आइसोलेट मरीजों को इसे अपनाना चाहिए। इसके साथ ही योग भी करना चाहिए। हंसराज का कहना है कि संक्रमित होने पर मरीज को पूरी तरह से आत्म संयमित रहना चाहिए। इस दौरान बिल्कुल न घबराएं। परिवार के सदस्य अलग-अलग कमरों में आइसोलेट रहें। अलग-अलग रहने से ही कोरोना की चेन टूटेगी।


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