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ईपीसीए से राहत की उम्मीद लगाए बैठे उद्योग जगत को झटका

डीजल जनरेटर मामले में पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए) से राहत की उम्मीद लगाए बैठे दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के उद्योगों को शुक्रवार बड़ा झटका लगा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Oct 2019 07:15 PM (IST)Updated: Sun, 20 Oct 2019 06:21 AM (IST)
ईपीसीए से राहत की उम्मीद लगाए बैठे उद्योग जगत को झटका
ईपीसीए से राहत की उम्मीद लगाए बैठे उद्योग जगत को झटका

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: डीजल जनरेटर मामले में पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए) से राहत की उम्मीद लगाए बैठे दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के उद्योगों को शुक्रवार बड़ा झटका लगा है। ईपीसीए की विशेष बैठक में इस मामले में उद्योग जगत को किसी प्रकार की राहत नहीं दी है। ऐसे में औद्योगिक इकाइयों में डीजल जनरेटर चलाने पर प्रतिबंध जारी रहेगा। छूट दिया जाएगा या नहीं इसे लेकर 22 अक्टूबर को फिर से बैठक तय की गई है। गुरुग्राम के उद्यमियों का कहना है कि औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली संकट लगातार जारी है। जनरेटर भी नहीं चलाने के कारण औद्योगिक कामकाज व उत्पादन प्रभावित हो रहा है।

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उद्यमियों का कहना है कि उन्हें लग रहा था कि ईपीसीए की बैठक में इंडस्ट्री की चिता को समझा जाएगा और राहत प्रदान की जाएगी। इस मामले में निराशा ही हाथ लगी है। गुड़गांव चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के महासचिव एसके आहूजा का कहना है कि अब तो 22 अक्टूबर को होने जा रही ईपीसीए की अलग बैठक से ही उम्मीद है। इसी प्रकार से गुड़गांव उद्योग एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण यादव का कहना है कि यह समय उद्योगों के लिए बहुत कठिन है। इससे उद्योग जगत को कई मोर्चों पर एक साथ संघर्ष करना पड़ रहा है। हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, गुरुग्राम के क्षेत्रीय अधिकारी कुलदीप सिंह का कहना है कि ईपीसीए के आदेश का पालन सख्ती से कराया जा रहा है।

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सोसायटियों को छूट देने की मांग

गुरुग्राम जिले में कुछ ऐसी सोसायटी हैं, जिनमें सरकारी स्तर पर बिजली कनेक्शन की सुविधा अभी तक प्रदान नहीं की गई हैं। यहां डीजल जनरेटर की बिजली आपूर्ति का एकमात्र साधन है। शुक्रवार को डीजल जनरेटर के मुद्दे पर दिल्ली स्थित ईपीसीए में बैठक हुई। इस दौरान हरियाणा के पावर सेक्रेटरी ने ईपीसीए के समक्ष इन सोसायटियों का मुद्दा उठा राहत की मांग की। इनका कहना है कि इस प्रकार की सोसायटी विद्युत आपूर्ति के लिए पूरी तरह से जेनरेटर पर निर्भर हैं। इसलिए यह छूट की हकदार हैं। इस पर ईपीसीए चेयरमैन ने कहा कि 22 अक्टूबर को इस मामले में फिर से विचार किया जाएगा। फिलहाल डीजल जनरेटर पर प्रतिबंध जारी रहेगा।

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ईपीसीए की बैठक से बड़ी उम्मीद थी। इसके बावजूद किसी प्रकार की राहत उद्योगों को यहां से नहीं नहीं मिल सकी। एक ओर ठीक से बिजली नहीं मिल रही है ऊपर से डीजल जनरेटर चलाने पर प्रतिबंध उद्योगों को परेशानी में डाल दिया है। मेरी प्रदेश सरकार से अपील है कि वह उद्योगों की चिता को समझते हुई ईपीसीए के समक्ष इस मुद्दे को उठाए या 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करे। -जेएन मंगला, अध्यक्ष, गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन


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