कंडम गाड़ियों के भरोसे 65 हजार की आबादी
65 हजार की आबादी वाले सोहना शहर में फायरबिग्रेड सुविधा नहीं है। यहां के फायर स्टेशन में खड़ी दोनों गाड़ियां कंडम हो चुकी हैं।
सतीश राघव, सोहना
65 हजार की आबादी वाले सोहना शहर में फायरबिग्रेड सुविधा नहीं है। यहां के फायर स्टेशन में खड़ी दोनों गाड़ियां कंडम हो चुकी हैं। इन गाड़ियों के टैंक व पंप खराब हो चुके हैं। इतना ही नहीं स्टेशन में आग बुझाने वाले यंत्र भी पर्याप्त नहीं हैं जबकि इन यंत्रों का होना अनिवार्य बताया गया है। स्टेशन में मात्र चार पुराने यंत्र हैं और यहां करीब 20 यंत्र की जरूरत है।
अब दिवाली नजदीक है। ऐसे में आगजनी से निपटने के लिए शहर में पर्याप्त संसाधन होने बहुत आवश्यक हैं लेकिन नगरपरिषद का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। बताया जा रहा है कि लाकडाउन के दौरान सैनिटाइजेशन किए जाने से टैंक गल गया था। अब यहां केवल यह गाड़ियां खड़ी नजर आती हैं। फायर स्टेशन में स्टाफ तो पूरा है लेकिन गाड़ियों की कमी है। शहर के लोग इस गंभीर समस्या को लेकर नगरपरिषद से लेकर स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों तक गुहार लगा चुके हैं लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं किया गया है।
बता दें कि सोहना शहर सहित आसपास के 50 गांवों व नूंह के रोजका औद्योगिक क्षेत्र के लिए सोहना फायर स्टेशन से ही फायर बिग्रेड की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। ऐसे में यहां गाड़ियों का खराब रहना चिता का विषय है। पिछले दिनों शहर में एक व्यापारी की दुकान में आगजनी की घटना होने पर गुरुग्राम से फायर बिग्रेड की गाड़ियों को बुलाना पड़ा था। फायर ब्रिगेड आने तक दुकान में रखा लाखों का सामान जल गया था। फायर स्टेशन में दो गाड़ियां हैं। लाकडाउन के दौरान सैनिटाइजेशन की वजह से गाड़ियों का टैंक खराब है। इसे जल्द ही ठीक करवा दिया जाएगा। स्टेशन पर फायर ब्रिगेड की सुविधा जल्द बढ़ाई जाएगी।
जयवीर भडाना, आपरेटर