डिफाल्टरों पर कृषि सहकारी समिति के 30.47 लाख रुपये हैं बकाया
सोहना की अनाज मंडी स्थित दि सोहना प्राथमिक कृषि सहकारी समिति लिमिटेड सोहना की मुख्य शाखा में स्टाफ की कमी के चलते बकायादारों से ऋण की वसूली नहीं हो पा रही है।
सतीश राघव, सोहना
सोहना की अनाज मंडी स्थित 'दि सोहना प्राथमिक कृषि सहकारी समिति लिमिटेड सोहना' की मुख्य शाखा में स्टाफ की कमी के चलते बकायादारों से ऋण की वसूली नहीं हो पा रही है। इस दौरान समिति के 13 सदस्य डिफाल्टर हो चुके हैं। इन पर 30.47 लाख रुपये का ऋण बकाया है। समय पर ऋण की अदायगी नहीं होने से समिति को बैंक को अतिरिक्त ब्याज की अदायगी करनी पड़ रही है। वहीं समय पर ऋण नहीं चुकाने पर डिफाल्टर की सूची में आए सदस्यों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा।
समिति द्वारा सदस्यों को उपलब्ध कराए गए ऋण को छह माह की निर्धारित समय-सीमा में लौटने पर सरकार की योजना के मुताबिक शून्य प्रतिशत ब्याज दर है। अगर कोई सदस्य डिफाल्टर हो जाता है तो उससे 12 प्रतिशत की दर से जुर्माना वसूला जाएगा। बता दें कि सोहना की अनाज मंडी में दि सोहना प्राथमिक कृषि सहकारी समिति लिमिटेड की शाखा में खेड़ला, अभयपुर, दमदमा, घामड़ोज, अलीपुर, मेहंद्वादा, गरिबजीदपुर, सांप की नगली, सोहना, रायपुर, जखोपुर, दौलाह, खरोदा सहित 32 गांव शामिल हैं। इनमे सांप की नगली, सोहना, खाइका सहित पांच गावों में सब-शाखा है। समिति में सात सेल्समैन के पद हैं, लेकिन तीन ही सेल्समेन नियुक्त हैं। एक क्लर्क व दो चपरासी के पद रिक्त पड़े हैं। सहकारी समिति द्वारा किसानों को बीज खाद की खरीदारी के लिए ऋण उपलब्ध कराया जाता है। किसानों को 75 हजार रुपये नकद व 25 हजार रुपये बीज खाद खरीदने के लिए छह माह की समय सीमा में शून्य प्रतिशत पर तथा दुकानदार सदस्यों को 10 हजार रुपये का ऋण उपलब्ध कराया जाता है। सभी ऋणधारकों को बिना ब्याज के ऋण दिया जाता है। समिति का पांच वर्ष में चुनाव कराने का प्रावधान है। समिति के 5355 सदस्य हैं जिनके वोट से आठ सदस्यों की एक समिति चुनी जाती है। इनके वोट से चेयरमैन व उप चेयरमैन पद का चुनाव होता है।
यहां कार्यरत सेल्समैन जय भगवान व रामबीर सिंह ने बताया कि कार्यालय में कई वर्षों से स्टाफ की कमी है जिसके चलते समय पर काम नहीं होते। 2019-20 और गत वित्त वर्ष के दौरान 1227 सदस्यों को 4,84,33,000 का ऋण उपलब्ध कराया गया। इनमें 1044 सदस्यों ने ऋण की अदायगी कर दी तथा 183 सदस्य डिफाल्टर हैं जिन पर 30.47 लाख रुपये बकाया है। समिति की ओर से किसानों को बिना ब्याज एक लाख रुपये का ऋण उपलब्ध कराया जाता है फिर भी किसान सरकार की योजना का लाभ नहीं उठा रहे हैं। समिति बैंक से साढ़े पांच प्रतिशत ब्याज दर पर बैंक से ऋण लेती है। पहले किसान को सात प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण दिया जाता था। अब भाजपा सरकार की योजना से किसानों को शून्य प्रतिशत ऋण उपलब्ध कराया जाता है। समिति को चार प्रतिशत केंद्र सरकार से तथा तीन प्रतिशत राज्य सरकार से ब्याज दर पर पैसा मिलता है।
- रामबीर यादव, समिति चेयरमैन