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अरावली पहाड़ी क्षेत्र में बनाए जाएंगे 20 कृत्रिम तालाब

वन्य जीवों की प्यास बुझाने के लिए अरावली पहाड़ी क्षेत्र में अगले एक साल के भीतर 20 कृत्रिम तालाब बनाने का लक्ष्य रखा गया है। तालाब बनाने को लेकर काफी हद तक सर्वे पहले ही हो चुका है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Jul 2021 05:25 PM (IST)Updated: Sun, 04 Jul 2021 05:25 PM (IST)
अरावली पहाड़ी क्षेत्र में बनाए जाएंगे 20 कृत्रिम तालाब
अरावली पहाड़ी क्षेत्र में बनाए जाएंगे 20 कृत्रिम तालाब

आदित्य राज, गुरुग्राम

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वन्य जीवों की प्यास बुझाने के लिए अरावली पहाड़ी क्षेत्र में अगले एक साल के भीतर 20 कृत्रिम तालाब बनाने का लक्ष्य रखा गया है। तालाब बनाने को लेकर काफी हद तक सर्वे पहले ही हो चुका है। अगले एक महीने के भीतर सर्वे पूरा करने से लेकर पूरी प्लानिग कर ली जाएगी। 20 तालाब बनाने के बाद क्षेत्र में कृत्रिम तालाबों की संख्या लगभग 40 हो जाएगी।

अरावली पहाड़ी क्षेत्र में काफी संख्या में वन्य जीव रहते हैं। दावा किया जा रहा है कि कुछ वर्षो के दौरान वन्य जीवों की संख्या में अच्छी खासी बढ़ोत्तरी भी हुई है। गर्मी के दिनों में वन्य जीवों के लिए क्षेत्र में पानी की कमी हो जाती है। हालांकि वन विभाग की वन्य जीव शाखा कुछ सालों के दौरान बनाए गए लगभग 20 कृत्रिम तालाबों में पानी भरती है। प्राकृतिक तालाबों में भी पानी भरा जाता है। इसके बाद भी वन्य जीव अपनी प्यास बुझाने के लिए रिहायशी इलाकों में पहुंच जाते हैं।

साफ है कि क्षेत्र के सभी इलाकों में पानी की व्यवस्था नहीं है। इसे देखते हुए कुछ समय से अतिरिक्त कृत्रिम तालाब बनाए जाने को लेकर चर्चा चल रही थी, जिसे वन विभाग की वन्य जीव शाखा के उच्च अधिकारियों की बैठक में पिछले सप्ताह स्वीकृति दे दी गई। स्वीकृति मिलने से पहले ही कुछ इलाकों के नाम तय किए जा चुके हैं। उनमें गुरुग्राम जिले के गांव वजीराबाद, बंधवाड़ी एवं कासन के नाम प्रमुख रूप से शामिल हैं। गुरुग्राम के अलावा फरीदाबाद, नूंह एवं महेंद्रगढ़ जिले के अंतर्गत आने वाले अरावली पहाड़ी क्षेत्र में भी तालाब बनाए जाएंगे।

फलदार पौधे भी लगाए जाएंगे

अरावली पहाड़ी क्षेत्र में फलदार पौधे नाम मात्र के हैं। इस वजह से भी वन्य जीव अपनी भूख मिटाने के लिए रिहायशी इलाकों में पहुंचते हैं। इसे देखते हुए जिन इलाकों में अधिकतर वन्य जीव रहते हैं, उन इलाकों में फलदार पौधे लगाए जाएंगे। यह कार्य भी इस साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। उदाहरणस्वरूप गुरग्राम जिले के बंधवाड़ी, वजीराबाद, मानेसर, कासन, रायसीना, मंडावर, भोंडसी एवं दमदमा इलाके में अधिकतर वन्य जीव रहते हैं।

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वर्ष 2017 की गणना के मुताबिक

वन्य जीव संख्या

गीदड़ 166

लकड़बग्घा 126

सेहली 91

बिज्जू 61

नेवला 50

तेंदुआ 31

जंगली बिल्ली 26

लोमड़ी 4

भेड़िया 3

लंगूर की प्रजाति 2

योजना के मुताबिक अगले एक साल के भीतर 20 अतिरिक्त कृत्रिम तालाब अरावली पहाड़ी क्षेत्र में हर हाल में बना दिए जाएंगे। तालाब इस तरह बनाए जाएंगे जिससे कि वन्य जीवों को परेशानी न हो। फलदार पौधे लगाने पर भी विशेष रूप से जोर दिया जाएगा। इनके अलावा भी कई अन्य कार्य वन्य जीवों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर किए जाएंगे।

- एमएस मलिक, अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव)


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