एंटीबाडी काकटेल ड्रग से 19 कोरोना संक्रमित मरीजों को मिली जिदगी
एंटीबाडी काकटेल ड्रग (मोनोक्लोनल एंटीबाडी थेरेपी) कोरोना संक्रमितों के लिए अचूक दवा साबित हो रहा है। मेदांता अस्पताल में अब तक 19 गंभीर मरीजों को दवा दी जा चुकी है। इनमें से आठ पूरी तरह कोरोना की चपेट से बाहर निकल चुके हैं
आदित्य राज, गुरुग्राम
एंटीबाडी काकटेल ड्रग (मोनोक्लोनल एंटीबाडी थेरेपी) कोरोना संक्रमितों के लिए अचूक दवा साबित हो रहा है। मेदांता अस्पताल में अब तक 19 गंभीर मरीजों को दवा दी जा चुकी है। इनमें से आठ पूरी तरह कोरोना की चपेट से बाहर निकल चुके हैं जबकि अन्य भी बेहतर स्थिति में हैं। इनमें से किसी को कैंसर है, किसी को डायबिटिज है तो किसी को किडनी से संबंधित परेशानी है। ऐसे लोगों के लिए कोरोना को काफी घातक माना जाता है।
दैनिक जागरण से बातचीत में मेदांता अस्पताल की इंटरनल मेडिसिन विभाग की निदेशक व वरिष्ठ फिजिशियन डा. सुशीला कटारिया ने कहा कि मोनोक्लोनल एंटीबाडी थेरेपी जिन मरीजों को दी गई है, उनमें से किसी को कोरोना से परेशानी नहीं बढ़ी। दवा दिए जाने के साथ ही तेजी से सुधार होने लगता है। आठ मरीजों के बारे में अब फालोअप भी नहीं किया जा रहा है। 11 मरीजों के बारे में कभी-कभी फालोअप किया जाता है। किसी भी मरीज को एक ही डोज दी जाती है। डोज देने के बाद किसी को अस्पताल में भर्ती होना नहीं पड़ा। किसी को साइड इफेक्ट की शिकायत भी नहीं।
गंभीर बीमारी से पहले से ग्रस्त किसी भी उम्र के कोरोना मरीजों को यह दवा दी जा रही है। जिन 19 लोगों को मोनोक्लोनल एंटीबाडी थेरेपी दी गई है उनमें से कुछ की उम्र 40 के आसपास भी है। कोरोना पाजिटिव रिपोर्ट आने के एक सप्ताह के भीतर दवा देने पर मरीज को अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा। बता दें कि पिछले महीने देश में सबसे पहले एंटीबाडी काकटेल ड्रग मेदांता अस्पताल में चंडीगढ़ निवासी मोहब्बत सिंह को दी गई थी। वह यहां केवल एक घंटे के लिए ही रुके थे। उन्हें इमरजेंसी में ही दवा दे दी गई थी।
वैक्सीन लगवाकर अपने आपको सुरक्षित करें
डा. सुशीला कटारिया का कहना है कि वैक्सीन लगवाने के लिए लोगों को तत्परता दिखानी चाहिए। कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन लगवाना जरूरी है। इसके बारे में किसी भी प्रकार का संदेश यदि मन में है तो निकाल दें। यह सुरक्षा घेरा है। यही नहीं कोरोना से बचाव के लिए दो गज की दूरी मास्क है जरूरी, पर ध्यान देना होगा। वैक्सीन लगवाने के बाद भी दो गज की दूरी मास्क है जरूरी, पर ध्यान देना है। किसी भी हाल में लापरवाही नहीं होनी चाहिए। लापरवाही की वजह से ही परेशानी पैदा होती है। समय-समय पर अपने हाथ को अच्छे तरीके से साफ करें।