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कथक नृत्य बैठक की परपरा को जारी रखने की कवायद

संवाद सहयोगी,न्यू गुड़गांव : शास्त्रीय संगीत एवं नृत्य कला की पंरपरा को पश्चिमी संस्कृति के बीच

By Edited By: Published: Fri, 22 Apr 2016 08:25 PM (IST)Updated: Fri, 22 Apr 2016 08:25 PM (IST)
कथक नृत्य बैठक की परपरा को जारी रखने की कवायद

संवाद सहयोगी,न्यू गुड़गांव :

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शास्त्रीय संगीत एवं नृत्य कला की पंरपरा को पश्चिमी संस्कृति के बीच आज की पीढ़ी में भी जिंदा रखने के लिए रसिक परफार्मिग आर्ट्स प्रयासरत है। इसी कड़ी में परफार्मिग आटर््स द्वारा निरवाना कंट्री स्थित स्टूडियों पर कथक की शाम का आयोजन किया गया।

रसिक परफार्मिग आटर््स की संस्थापक एवं आचार्य पंडित बिरजू महाराज की शिष्य जयाश्री आचार्य की शिष्यों ने अपनी कला का प्रदर्शन दिखाते हुए इस शाम की शुरुआत की। उनकी शिष्य महिका जुटसी ने कथक में अपनी तकनीकी कौशल की प्रस्तुति दी। शाम के अतिथि रहे रितेश शर्मा ने कथक के मशहूर घरानों में प्रसिद्व रहे रायगढ़ घराने की नृत्य शैलियों का प्रदर्शन किया। रितेश भागलपुर में एक नृत्य संगीत कला स्कूल चलाते हैं। वह युवाओं और महिलाओं के बीच कथक और भारत में छोटे शहरों में संगीत को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं। संस्थापक जयाश्री आचार्य ने कहा कि गुड़गांव के कला प्रेमियों और सास्कृतिक विरासत को बचाने केलिए वह लगातार कथक की बैठकों का आयोजन करती रहती है। इस संबंध में एपिक सेंटर में कथक के बडे कार्यक्रमों का आयोजन भी हो चुका है। उनका उद्देश्य कला प्रदर्शन का संरक्षण व युवाओं के बीच शास्त्रीय नृत्य और संगीत को प्रोत्साहित करना है। बैठक में जयाश्री आचार्य, तबला वादक शिव शकर राय, कथक शिष्यों के साथ कला प्रेमियों ने कार्यक्रम में अपनी मौजूदगी दर्ज की।


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