कोरोना काल में चार चिकित्सकों ने छोड़ा साथ, सेवाएं प्रभावित
सतभूषण गोयल टोहाना कोरोना काल में तीन चिकित्सकों द्वारा त्यागपत्र देने व एक के लंबी छुट्ट
सतभूषण गोयल, टोहाना :
कोरोना काल में तीन चिकित्सकों द्वारा त्यागपत्र देने व एक के लंबी छुट्टी पर जाने के बाद टोहाना के नागरिक अस्पताल में अब स्वास्थ्य सेवाओं का जिम्म सात चिकित्सकों के कंधों पर आ गया है। अब लोग थोड़े से बीमार होने के बाद अस्पताल की तरफ आ रहे है ताकि वो कोरोना से ग्रस्त तो नहीं है। अस्पताल में आने के बाद उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है। टोहाना के नागरिक अस्पताल में स्थिति ये है कि व्यवस्था को संभालने के साथ ही एसएमओ को भी मरीजों की जांच करनी पड़ रही है।
तीन माह पहले जब नागरिक अस्पताल में तीन चिकित्सकों ने पदभार ग्रहण किया था, तब अस्पताल प्रबंधन को राहत मिल गई थी। धीरे-धीरे तीन चिकित्सक फिर त्यागपत्र देकर चले गए , ऐसे में कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होने लग गई हैं।
--------------------------------------
यह है व्यवस्था
मौजूदा समय में टोहाना का नागरिक अस्पताल 50 बैड का होने के कारण यहां 11 पद चिकित्सकों के हैं। जिनमें से 4 चिकित्सकों के जाने के बाद मात्र सात चिकित्सक ही अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे है। ं डा. कुनाल वर्मा कोरोना काल में नोडल अधिकारी की भूमिका निभा रहे है। उनका ज्यादातर समय कंटेनमेंट जोन व कोरोना पॉजिटिव आये रोगियों की हिस्ट्री जानना व उन्हें आइसोलेट करने में लगा रहा है। तीन चिकित्सक आपातकालीन कक्ष में 24 घंटे डयूटी देना तथा अन्य चिकित्सक सामान्य ओपीडी, कोरोना के सैंपल लेना आदि का कार्य भाग-दौड़ कर निपटाते हैं। ऐसे में कैसे संभव हो पाएगा की यहां पर आने वाले प्रत्येक मरीज को उपचार मिल पाएगा।
----------------------------
तीन ने दिया त्यागपत्र तो एक गया लंबी छुट्टी पर :
डा. बंटी सिगला अक्टूबर 2018 में यहां आये थे। वे 29 जुलाई 2020 को 3 साल की लंबी छुट्टी लेकर चले गये है। डा. रोबिन 1 अप्रैल 2020 से 20 जून 2020 तक, डा. अभिषेक 4 अप्रैल 2020 से 17 अगस्त 2020 तथा डा. दीक्षा 16 जून 2020 से 30 जून 2020 तक ही अपनी सेवाएं देकर त्यागपत्र दे चुके हैं। ये सभी डाक्टर पीजी कोर्स करने के लिए चले गए हैं।
---------------------------------
प्रतिदिन हो रही 400 ओपीडी
टोहाना शहर पंजाब सीमा पर बसा है। यहां एकमात्र नागरिक अस्पताल में टोहाना क्षेत्र के साथ-साथ जींद, हिसार, कैथल तथा सीमावृत्ति पंजाब राज्य के गांवों से प्रतिदिन लगभग 400 रोगियों की ओपीडी रहती है। जिसके चलते चिकित्सकों की कमी के कारण रोगियों को घंटों इंतजार के बाद परामर्श मिलने से राहत प्राप्त होती है। जबकि थोड़ी सी आपात स्थिति में ही उन्हें अन्य अस्पताल में रैफर करना पड़ता है।
------------------------------------------
अस्पताल में चिकित्सकों की कमी के संदर्भ में उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाया हुआ है। जबकि समय-समय पर क्षेत्र के नुमाईदों को भी अवगत करवाया गया था। कोरोना काल में मात्र इन चिकित्सकों के सहारे स्वास्थ्य सेवाएं देना बड़ा मुश्किल हो रहा है। फिर भी उनकी टीम इस कोरोना काल में दिन-रात अपनी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में अपनी भूमिका अदा कर रही है।
-डा. हरविद्र सागु, एसएमओ, टोहाना।