शिक्षा समाज और राष्ट्र की जागृति का मूल आधार : गोयल
जागरण संवाददाता फतेहाबाद शिक्षा किसी भी समाज और राष्ट्र की जागृति का मूल आधार है इ
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
शिक्षा किसी भी समाज और राष्ट्र की जागृति का मूल आधार है, इसलिए शिक्षा का उद्देश्य साक्षरता के साथ-साथ जीवन उपयोगी भी होना चाहिए। यह बात पंचनद शोध संस्थान हरियाणा के समन्वयक, प्रारंभ शिक्षण संस्थान झज्जर एवं एससीईआरटी गुरुग्राम के निदेशक डा. ऋषि गोयल ने पंचनन्द अध्ययन केंद्र फतेहाबाद द्वारा नई शिक्षा नीति पर आयोजित वेबिनार में अपना संबोधन देते हुए कही।
उन्होंने कहा कि शिक्षा-नीति से अभिप्राय शिक्षा में सुधारों से होता है। इसका अधिक संबंध भावी पीढ़ी से होता है। शिक्षा-नीति के द्वारा हम अपने समय के समाज और राष्ट्र की आवश्यकताओं को पूर्ण रूप से सार्थक सिद्ध करने के लिए कुछ अपेक्षित मानसिक और बौद्धिक जागृति को तैयार करने लगते हैं। नई शिक्षा-नीति का एक विशेष अर्थ है, जो हमारी सोच-समझ में हर प्रकार से एक नयापन लाने के लिए तत्पर हो।
उन्होंने कहा कि भारत की स्वतंत्रता के पश्चात शिक्षा-सम्बन्धित यहाँ विविध प्रकार के आयोग और समितियों का गठन हुआ। नई शिक्षा नीति ने 34 साल पुरानी शिक्षा नीति को बदला है,जिसे1986में लागू किया गया था। नई नीति का लक्ष्य भारत के स्कूलों और उच्च शिक्षा प्रणाली में इस तरह के सुधार करना है कि ताकि भारत दुनिया में ज्ञान का सुपरपावर कहलाए। नई शिक्षा नीति के तहत स्कूली शिक्षा व्यवस्था में 10 2 सिस्टम को खत्म कर 5 3 3 4 सिस्टम को बनाया गया है। उन्होंने कहा कि बदलते समय के साथ एक नई विश्व व्यवस्था खड़ी हो गई है। एक नया ग्लोबल स्टैंडर्ड भी तय हो रहा है। बदलते ग्लोबल स्टैंडर्ड के हिसाब से भारत के एजुकेशन सिस्टम में बदलाव करने भी बहुत जरूरी है। इससे वह ग्लोबल स्टूडेंट्स बनने के साथ-साथ अपनी जड़ों से भी जुडा़ रह सकता है। नयी शिक्षा नीति में ऐसा प्रावधान किया गया है कि छात्रों को ग्लोबल सिटीजन बनाने के साथ साथ उनको अपने जड़ों से भी जोड़कर रखे।
पंचनद शोध संस्थान के निदेशक एंव अध्यक्ष उच्च शिक्षा परिषद् हरियाणा प्रो.बृजकिशोर कुठियाला ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21वीं सदी के भारत की और नए भारत की नींव तैयार करने वाली है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21वीं सदी के भारत का और नए भारत की नींव तैयार करने वाली है।
डाइट मताना के प्रवक्ता डा. विनोद कुमार शर्मा ने कहा कि अभी तक जो हमारी शिक्षा व्यवस्था है, उसमें क्या सोचना है पर ध्यान केंद्रित रहा है जबकि इस शिक्षा नीति में कैसे सोचना है पर बल दिया जा रहा है। पंचनंद अध्ययन केन्द्र फतेहाबाद के समन्वयक व डाइट मताना के प्रवक्ता डा. बलविन्द्र खुराना ने वेबीनार में जुड़े समस्त प्रबुद्धजनों का आभार व्यक्त किया। अध्ययन केन्द्र के सचिव मदन गोपाल आर्य ने बताया कि इस वेबिनार में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चैयरमेन डा. जगवीर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से बजरंग गोदारा, प्रो. डीपी वार्ने, डाइट मताना की प्राचार्य संगीता बिश्नोई, एमएम कालेज के प्राचार्य गुरचरण दास, प्रांजल संस्था सिरसा से राजवीर सिंह, प्राचार्य सुभाष टुटेजा व टेकचन्द शर्मा सहित 101 प्रबुद्धजनों ने भाग लिया।