फुटपाथ पर ही चलें पैदल, हड़बड़ी में पार न करें सड़क
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : सड़क पार करते समय अगर थोड़ी सी सावधानी बरती जाए तो सफर को
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : सड़क पार करते समय अगर थोड़ी सी सावधानी बरती जाए तो सफर को सुगम बनाया जा सकता है। अगर हम पैदल जा रहे तो फुटपाथ का इस्तेमाल करना चाहिए। अगर सड़क पर फुटपाथ नहीं है तो कच्चे रास्ते का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा हमारे साथ बच्चे है तो उसे ट्रैफिक की साइड कभी न चलाए, क्योंकि बच्चों की सोचने समझने की क्षमता कम होती है इस कारण हादसे का भी शिकायत हो सकता है। पैदल चलते समय हमें कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। अगर रेड लाइट के पास हमें सड़क पार करनी है तो बत्ती के बारे में देखना चाहिए। वाहन किस तरफ जा रहे है उनका भी ध्यान रखे। बत्ती हरी होने के बाद ही हमें सड़क को पार करना चाहिए।
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फुटपाथ का हो इस्तेमाल
अगर हम सड़क पर पैदल जा रहे है तो फुटपाथ का इस्तेमाल होना चाहिए। जिससे हादसा होने की संभावना नहीं रहती है। अगर कहीं पर फुटपाथ नहीं है तो कच्ची जगह पर चलना चाहिए। सड़क के किनारे कच्ची जगह होती है। अगर इसका इस्तेमाल करेंगे तो हादसा न के बराबर होना चाहिए। पैदल चलते समय कभी भागना नहीं चाहिए। वहीं वाहन की दूरी का भी ध्यान रखना चाहिए। अक्सर वाहन की गति तेज होती है और हम हादसे का शिकायत हो जाते है। इसलिए दूरी के बारे में पता होना चाहिए।
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बच्चों को अकेले पार न करने दें सड़क
अक्सर देखने में आता है कि जब हम पैदल जा रहे है तो बच्चे अकेले ही चलते है। लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए। बच्चों का हाथ पकड़े रहना चाहिए। बच्चों की सोचने समझने की क्षमता कम होती है। इसलिए बच्चों को कभी भी अकेले सड़क को पार न करने दे। अगर ऐसा करेंगे तो हमारे साथ कभी भी हादसा हो सकता है।
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दोनों तरफ के वाहनों को देखकर ही सड़क पार करें
ट्रैफिक थाना के एएसआइ हेतराम के अनुसार सड़क को पार करते समय दोनों तरफ वाहनों पर नजर होनी चाहिए। अगर सड़क खाली है तभी सड़क को पार करना चाहिए। शहर के अंदर चौक चौराह पर पुलिस कर्मचारी मिल जाएंगे। लेकिन गांवों में हमें ध्यान रखने की जरूरत है। अगर दोनों तरफ वाहन नहीं आ रहे हैं तभी सड़क को पार करना चाहिए। इसके अलावा बच्चों को अकेले कभी भी सड़क पार न करने के लिए कहें।
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क्या कहते हैं मनोचिकित्सक
मनोचिकित्सक डा. गिरीश का कहना है कि छोटे बच्चों में सोचने समझने की क्षमता कम होती है। हम मान सकते हैं कि 13 साल के बाद ही बच्चे कुछ सोच सकते हैं। इसलिए छोटे बच्चों को सड़क पर लेकर नहीं जाना चाहिए। अगर पैदल जा रहे हैं तो उनका हाथ पकड़कर ही सड़क पार करवानी चाहिए।