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व्रती श्रद्धालुओं ने दिया अस्ताचल सूर्य को अ‌र्घ्य

संवाद सहयोगी टोहाना छठ पूजा को लेकर शुक्रवार को पूर्वाचल परिवारों ने रेलवे रोड पर

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 07:29 AM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 07:29 AM (IST)
व्रती श्रद्धालुओं ने दिया अस्ताचल सूर्य को अ‌र्घ्य
व्रती श्रद्धालुओं ने दिया अस्ताचल सूर्य को अ‌र्घ्य

संवाद सहयोगी, टोहाना :

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छठ पूजा को लेकर शुक्रवार को पूर्वाचल परिवारों ने रेलवे रोड पर स्थित फतेहाबाद डिस्ट्रीब्यूटरी नहर के घाट पर पानी में उतरकर अस्तागामी सूर्य की पूजा-आराधना कर नमन किया। वहीं अ‌र्घ्य देकर अपने परिवार व बच्चों की कुशलता के लिए मंगल कामना की।

उल्लेखनीय है कि छठ का पर्व बिहार, उतराखंड व उतरप्रदेश सहित कई राज्य में बड़ी ही धूमधाम व श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। टोहाना में भी रह रहे पूर्वाचल परिवारों ने यह पर्व श्रद्धापूर्वक मनाया। इन परिवारों द्वारा कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से ही छठी मईया का व्रत शुरू कर दिया था। जिसके तहत महिलाओं ने नहाय-खाय, खरना आदि करने के बाद 36 घंटे का निर्जल रहकर पूरी तरह से संयमी होकर इस व्रत को रखा।

शुक्रवार को महिला-पुरुष श्रद्धालु बच्चों सहित रेलवे रोड स्थित फतेहाबाद डिस्ट्रीब्यूटरी नहर के किनारे पहुंचे। हाथ में फलों व प्रसाद के टोकरे सजाकर जब वह नहर किनारे पहुंचे तो वातावरण भक्तिमय हो गया। वहीं छठी मईया के गीतों की धुने सुनाई देने लगी। बिहार राज्य के मोतीहारी जिले के निवासी भूपेंद्र कुमार ने बताया कि वह वर्षो से लगातार छठ पूजा करते आ रहे हैं। उनका कहना है कि छठ पूजा अपने बच्चों व परिवार की सुखशांति के लिए की जाती है। उनका कहना है कि वह परिवार सहित इस दिन को बड़ी ही श्रद्धा व आस्था के साथ इस पर्व को मनाते हैं।

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यह है परंपरा

लोक आस्था व विश्वास के इस महापर्व को पूर्वाचल परिवार बड़ी श्रद्धा से मनाते है। छठी मईया की पूजा के दौरान जहां बड़े टोकरे यानि सूप में फल आदि रखे जाते है। वहीं अन्य पूजा की सामग्री तथा बनाए गये मीठे पकवान ठकुआ व चावल के लड्डू भी इसमें रखकर छठी मईया की पूजा कर प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है। शुक्रवार को इन परिवारों ने अपने-अपने घरों में मीठे पकवान बनाये। वहीं पूजन का सामान सहित टोकरा सिर पर धारण कर बच्चों सहित नहर के किनारे पंहुचे। नहर बंद होने के कारण उन्होंने वहां पानी में उतरकर पूजा की रस्म निभाई।


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