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तीन हजार किसान दिल्ली के लिए 22 को होंगे रवाना

भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों की बैठक जाट धर्मशाला में हुई। जिसकी अध्यक्षता जगदीश पारता ने की। मीटिग में सभी सातों ब्लाकों की कार्यकारिणी के सदस्यों के साथ भाग लिया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 07:36 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 07:36 AM (IST)
तीन हजार किसान दिल्ली के लिए 22 को होंगे रवाना
तीन हजार किसान दिल्ली के लिए 22 को होंगे रवाना

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों की बैठक जाट धर्मशाला में हुई। जिसकी अध्यक्षता जगदीश पारता ने की। मीटिग में सभी सातों ब्लाकों की कार्यकारिणी के सदस्यों के साथ भाग लिया। गणतंत्र दिवस किसान परेड में जिला फतेहाबाद से शामिल होने वाले किसानों के संबंध में रणनीति तैयार की। किसान परेड में फतेहाबाद जिले के किसानों के शामिल होने वाले ट्रैक्टर व गाड़ियो की संख्या आंकलन किया गया। जिसमें तय हुआ की तकरीबन 3000 ट्रैक्टर व गाडिया फतेहाबाद से दिल्ली जाने वाले जत्थे में शामिल होगी। वहीं 5 हजार ट्रैक्टर फतेहाबाद में आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेंगे। भटटूकलां व सनियाना गांव से 22 जनवरी को जत्था रवाना होगा। यूनियन के जिला सचिव सुनील मटटू गोरखपुरिया व युवा जिला सचिव राजेश खिलेरी की सभी ब्लाक के किसानों में समन्वय बनाने के लिए बैठक हुई। शहीदी भगत सिंह युवा संगठन सनियाना के प्रधान इन्द्रपाल सिंह उर्फ मिटठू संगठन के अन्य पदाधिकारियों के साथ मीटिग में शामिल हुए। सनियाना गांव में किसान जत्थे की सेवा में जलपान व लंगर की सेवा मांगी। इसी प्रकार सरदार हरजीत सिंह बब्बी प्रधान गुरुद्वार कमेटी भूना ने भी किसान जत्थे की सेवा गुरूद्वार की तरफ करने की घोषणा की। किसान आंदोलन में असामाजिक तत्वों बारे कार्यकारिणी के सदस्यों को सूचित करने के लिए निवेदन किया।

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रत्ताखेड़ा के 6 किसानों ने भूख हड़ताल कर किया कृषि कानूनों का विरोध

संवाद सहयोगी, टोहाना:

कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा हिसार रोड स्थित शहीद मदन लाल ढींगड़ा टाउन पार्क के बाहर बुधवार को भी धरना-प्रदर्शन जारी रहा। वहीं भूख हड़ताल के 12वें दिन गांव रत्ताखेड़ा के 6 किसान भूख हड़ताल पर रहे। इस दौरान एक सुर प्रधानमंत्री से तीनों कानूनों को रद करने की मांग उठाई।

भूख हड़ताल पर बैठे किसानों में गांव रत्ताखेड़ा से पूर्व सरपंच प्रतिनिधि सुरेश कुमार डूल्ट, किसान तरसेम सिंह, सतीश कुमार, मेला सिंह, रोहताश, रुड सिंह आदि शामिल थे। इस अवसर पर उपस्थित राजेंद्र समैन ने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों की बात मान लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज अन्नदाता उनके ऊपर थोपे गये 3 कृषि कानूनों को लेकर बुरी तरह से आहत है। किसान सड़कों पर खुले आसमान के नीचे अपनी मां रूपी जमीन बचाने के लिए संघर्षरत है। इसलिए सरकार को इसे नाक का सवाल ना बनाते हुए इस समस्या का अतिशीघ्र समाधान कर किसानों को खुशी-खुशी घर भेजने का काम करना चाहिये।

इस अवसर पर भारतीय किसान यूनियन के हलका प्रधान गुरदियाल सिंह, हरदेव सिंह रत्ताखेड़ा, लीला राम कन्हड़ी, रेशम सिंह हैदरवाला, राजेंद्र समैन, साहब राम, मोहब्बत पाल आदि किसान उपस्थित थे।


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