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अवशेष जलाने वाले लोगों पर विभाग ने तेज की कार्रवाई, जुर्माना वसूलना शुरू

जागरण संवाददाता फतेहाबाद बेशक फायर लोकेशन के आधार पर ही सही प्रदूषण फैला कर

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 10:40 PM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 10:40 PM (IST)
अवशेष जलाने वाले लोगों पर विभाग ने तेज की कार्रवाई, जुर्माना वसूलना शुरू
अवशेष जलाने वाले लोगों पर विभाग ने तेज की कार्रवाई, जुर्माना वसूलना शुरू

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

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बेशक फायर लोकेशन के आधार पर ही सही, प्रदूषण फैला कर आबोहवा को खराब करने वालों पर कार्रवाई शुरू हो गई। जिला प्रशासन को मिली अब तक 95 लोकेशन में 19 किसानों पर हर्जाना वसूल भी लिया है। जो लोकेशन आ रही है। इस बार अधिकारी उनको गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई कर रहे है। तभी तो अब तक 50 हजार रुपये वसूले गए है। आगे दीपावली के पास फायर लोकेशन की संख्या बढ़ेगी। ऐसे में कृषि विभाग की कार्रवाई भी तेज होगी। हालांकि इस बार सरकार व दैनिक जागरण के जागरूकता अभियान के चलते धान के अवशेष जलाने के मामले कम आए है। गत इस समय तक 300 से अधिक फायर लोकेशन थी। जो इस बार अभी तक तीन गुणा कम है। यह राहत की बात है।

दरअसल, एनजीटी के आदेश के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हिसार के एचएयू में स्थित हरसेक से प्रदेश में अवशेष जलाने की घटनाएं सेटेलाइट से मोनिटर करवाई जा रही है। सेटेलाइट से जहां पर भी अवशेष जलने की घटना होती है। उसे रिकार्ड करते हुए संबंधित अधिकारियों को भेज दिया जाता है। उसके बाद गठित टीमें में शामिल कर्मचारी इसका सत्यापन करते हुए किसान पर जुर्माना लगाते है। किसानों का रुपया किसानों पर होगा खर्च :

कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिले में जो भी किसानों से हर्जाना वसूला जाएगा। वह रुपया किसानों पर ही खर्च होगा। इसके लिए सरकार के निर्देश है कि आगामी सत्र में किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन करने में अनुदान दिया जाएगा। उसमें ये राशि जोड़ी जाएगी। ऐसे में किसानों को बेशक हर्जाना लग रहा है, लेकिन भविष्य में उनके ही काम आएगा। आमजन नहीं दे रहे सूचना :

गांव स्तर पर गठित कर्मचारियों की टीम सही से कार्य नहीं कर रही। वहीं आमजन भी अपने क्षेत्रों में अवशेष जला रहे लोगों पर मौन हो जाते है। इससे जो अवशेष जला रहे है। उन पर सही से कार्रवाई नहीं होती। इसके लिए जरूरी है कि फायर लोकेशन के साथ आमजन भी जागरूकता के साथ अवशेष जलाने वालों पर कार्रवाई करें। तभी भविष्य में अवशेष जलाने के मामले कम हो और वायु प्रदूषण रूकेगा।

लगातार कर रहे निगरानी : सिहाग

हम लगातार निगरानी कर रहे है। अवशेष जलाने के मामले इस वर्ष गत वर्ष से बहुत कम आए हैं। यह सब किसानों की जागरूकता की वजह से हुआ है। जो भी फायर लोकेशन आ रही है। उसको सत्यापित करते हुए संबंधित लोगों पर जुर्माना लगाया जा रहा है। आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी।

- डा. राजेश सिहाग, उपनिदेशक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग।


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