नप कार्यालय में खुलना था थैला बैंक, प्रोजेक्ट पर नहीं लगी मोहर, प्रतिदिन कूड़े से निकल रहा आठ टन प्लास्टिक
जागरण संवाददाता फतेहाबाद करीब एक साल पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश पर
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
करीब एक साल पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश पर जिले के शहरों में पालीथिन पर बैन लगाने के लिए अधिकारियों ने योजना बनाई थी। फतेहाबाद नगरपरिषद के अधिकारियों ने व्यापारियों व दुकानदारों की बैठक लेकर पालीथिन बैन करने के आदेश दिए थे। इसके बदले में नप अधिकारियों ने दावा किया था कि नप कार्यालय में थैला बैंक खोला जाएगा जहां दुकानदारों को सस्ते दामों में थैला उपलब्ध करवाया जाएगा। लेकिन यह योजना आज तक सिरे नहीं चढ़ पाई है। योजना अच्छी थी, लेकिन न तो अधिकारियों और न ही उच्चाधिकारियों ने कदम उठाया। यही कारण है कि आज तक जिले में पालीथिन पर बैन नहीं लग पाया है।
एक महीने पहले एनजीटी के अधिकारियों ने जिले का निरीक्षण किया था। पिछले दो सालों में काटे गए पालीथिन चालान की लिस्ट भी मांगी थी। रिपोर्ट देखने के बाद आदेश दिए थे कि इस पर काम होना बाकी है। लेकिन नप अधिकारियों ने अब तक इस ओर कोई कदम तक नहीं उठाया है। ऐसे में हम कैसे कह सकते है फतेहाबाद जिले के शहर पालीथिन मुक्त हो सकते है। पिछले दो सालों का जिक्र करे तो दो सालों में मात्र 193 चालान किए गए है। इस साल तो एक भी चालान नहीं किया गया है। जिले के शहरों में जमा कूड़े से प्रतिदिन आठ टन निकल रहा पालीथिन
जिले के शहर फतेहाबाद, टोहाना, रतिया, भूना व जाखल से प्रतिदिन 80 टन कूड़ा निकल रहा है। इनमें से 8 टन पालीथिन होता है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोग किस कदर पालीथिन का प्रयोग कर रहे है। कूड़े के ढेर पर नजर लगाएंगे तो केवल पालीथिन ही पालीथिन नजर आएगी। लेकिन चालान काटने वाले अधिकारियों को शायद ये पालीथिन दिख नहीं रहे है। अगर नजर आते तो इस पर रोक लग जाती। नई नोटिफिकेशन के अनुसार इन पर भी है रोक
पहले केवल 50 माइक्रोन पालीथिन पर बैन था। लेकिन अब जो नई नोटिफिकेशन जारी हुई है उसके अनुसार सिगल यूज वाली प्लास्टिक की वस्तुओं पर भी बैन लागू हो गया है। लेकिन अभी तक नप अधिकारियों के पास आदेश नहीं आए है। ऐसे में उम्मीद है कि आने वाले कुछ समय में आदेश भी आ जाएगे। नोटिफिकेशन लागू होने के बाद प्लास्टिक स्टिक, गुब्बारे के लिए प्लास्टिक स्टिक, झंडे और कैंडी की प्लास्टिक स्टिक, आइसक्रीम की स्टिक, सजावट के लिए पालीस्टाइनिन [थर्मो-काल] शामिल हैं। इसके अलावा प्लेट, कप, गिलास, कटलरी जैसे कांटे, चम्मच, चाकू, ट्रे आदि पर भी रोक लग जाएगी।
सिगल यूज व 50 माइक्रोन पालीथिन में अंतर
सिगल यूज ऐसा प्लास्टिक जिसे एक ही बार इस्तेमाल किया जा सकता है। हम अपने जीवन में अनेक उत्पादों का उपयोग करते हैं, जो सिगल यूज प्लास्टिक होते हैं। इसमें प्लास्टिक बैग, प्लास्टिक की बोतलें, स्ट्रा, कप, प्लेट्स, फूड पैकेट्स, प्लास्टिक की चमच आदि होते है। सिगल यूज का मतलब एक बार प्रयोग किया और फिर फेंक दिया। अब तक 50 माइक्रोन पालीथिन है बैन
एनजीटी के आदेशानुसार देश में 50 माइक्रोन से कम मोटाई की पालीथिन बैग के निर्माण व उपयोग पर प्रतिबंध है। नियम का पालन न करने वालों को आईपीसी की धारा 133 ((बी)) के तहत सजा मिल सकती है। लेकिन जिले में यह पालीथिन आसानी से बिक रहा है। शहरों में कई नप अधिकारियों को पता तक नहीं कि 50 माइक्रोन पालीथिन कितना होता है। ऐसे में चालान कैसे कटेंगे। अब जानें वेस्ट गलने में कितना लगता है समय
-आर्गेनिक वेस्ट दो सप्ताह में गलता है।
-पेपर वेस्ट तीन सप्ताह में गलता है।
-काटन के कपड़े का वेस्ट 20 सप्ताह में गलता है।
-लकड़ी से बने सामान का वेस्ट 15 साल में गलता है।
-प्लास्टिक वेस्ट गलने में 20 साल लग जाते है। पालीथिन बेचने वालों पर ये है जुर्माने का प्रविधान
-100 ग्राम तक 500 रुपये
-500 ग्राम तक 1500 रुपये
-एक किलो तक 3000 रुपये
-पांच किलो तक 10,000 रुपये
-10 किलो तक 20,000 रुपये
-10 किलो से उपर 25,000 रुपये
नोट: इसके अलावा एनजीटी 50 हजार रुपये तक का जुर्माना भी लगा सकता है। सजा भी हो सकती
-पालीथिन की बिक्री करते पहली बार पकड़े जाने पर पांच हजार रुपये जुर्माना या एक महीने जेल या फिर दोनों।
- दोबारा पकड़े जाने पर 10 हजार का जुर्माना या छह महीने की कैद या फिर दोनों।
- पालीथिन कैरीबैग में कूड़ा फेंकने पर 100 रुपये जुर्माना।
-दोबारा पकड़े जाने पर दो हजार जुर्माना या एक महीने की कैद जिले में पिछले दो सालों में काटे गए चालान का ब्योरा
शहर चालान
फतेहाबाद 65
टोहाना 75
भूना 24
रतिया 15
जाखलमंडी 14
कुल 193 एनजीटी के जो आदेश है उन्हें लागू किया जाएगा। पालीथिन का चालान काटने के लिए सभी शहरों के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। अगले कुछ दिनों में इस पर काम भी शुरू हो जाएगा।
अजय चोपड़ा, अतिरिक्त उपायुक्त एवं जिला नगरायुक्त फतेहाबाद।