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लालबत्ती लगाने के लिए लगाया गया टेंडर रद, डीएमसी ने मांगा जवाब

आंबेडकर चौक पर शहर में लगाई गई एकमात्र ट्रैफिक लाइट अधिकारियों की उदासीनता के कारण नहीं लग पा रही है। अक्सर देखने में आता है कि रुपये न मिलने के कारण काम अटक जाते है। लेकिन यहां पर ऐसा कुछ नहीं है। नगरपरिषद ने लोक निर्माण विभाग के इलेक्ट्रिक विग को 17 लाख रुपये दिए ही दो महीने हो गए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 07:00 AM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 07:00 AM (IST)
लालबत्ती लगाने के लिए लगाया गया टेंडर रद, डीएमसी ने मांगा जवाब
लालबत्ती लगाने के लिए लगाया गया टेंडर रद, डीएमसी ने मांगा जवाब

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : आंबेडकर चौक पर शहर में लगाई गई एकमात्र ट्रैफिक लाइट अधिकारियों की उदासीनता के कारण नहीं लग पा रही है। अक्सर देखने में आता है कि रुपये न मिलने के कारण काम अटक जाते है। लेकिन यहां पर ऐसा कुछ नहीं है। नगरपरिषद ने लोक निर्माण विभाग के इलेक्ट्रिक विग को 17 लाख रुपये दिए ही दो महीने हो गए। दो महीनों में विभाग की तरफ से कुछ नहीं किया गया है। पिछले दिनों टेंडर लगाया गया। लेकिन इस टेंडर में खामी मिलने के बाद इसे रद कर दोबारा लगा दिया गया है।

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वहीं अब जिला नगर आयुक्त इस मामले को लेकर सख्त हो गए है। 30 नवंबर तक का विभाग को समय दे दिया है। अगर इस दौरान कोई टेंडर नहीं लगता है तो उच्चाधिकारियों को विभाग की लापरवाही के बारे में लिखा जाएगा। वही माना जा रहा है कि अगर ट्रैफिक सिग्नल लगाने में लोक निर्माण विभाग नाकाम रहता है तो अन्य विभाग को भी जिम्मेदारी दी जाएगी।

दो दिन पूर्व जिला नगर आयुक्त समवर्तक सिंह ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों व नप अधिकारियों की बैठक ली थी। बैठक में ट्रैफिक लाइट न लगाने के बारे में सवाल जवाब किया। विभाग द्वारा संतुष्ट जवाब न देने पर जिला नगर आयुक्त ने कड़े शब्दों में 30 नवंबर तक का समय दे दिया है। अगर इस दौरान वो टेंडर खोलते हैं तो ठीक है वरना कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र लिख दिया जाएगा। आंबेडकर चौक पर 2009 में लगाई गई थी लालबत्ती

आंबेडकर चौक को तोड़कर 2009 में लालबत्ती लगाई गई थी। शहर में बढ़ते वाहनों की संख्या को कंट्रोल में करने के लिए यह फैसला लिया गया था। लेकिन 2014 से इस लालबत्ती को पूरी तरह खराब घोषित कर दी गई। इसके बाद ना तो नप ने कोई सुध ली और ना ही जिला प्रशासन ने कोई कदम उठाया। इस लालबत्ती को ठीक करवाने के लिए नप ने पांच लाख रुपये तक खर्च कर दिए थे। इंजीनियर भी मुम्बई से बुलाये गए थे। लेकिन वायरिंग ठीक न होने के कारण इंजीनियर भी ठीक नहीं कर पाए। अब ऐसे में ट्रैफिक लाइट न होने के कारण व्यवस्था बिगड़ रही है। पुलिस संभाल रही है व्यवस्था

पिछले छह सालों से ट्रैफिक लाइट खराब होने पर पुलिस कर्मचारी इसका जिम्मा संभाल रहे है। सुबह 7 बजे से लेकर रात 8 बजे तक यहां पर पुलिस कर्मचारी तैनात रहते है ताकि ट्रैफिक व्यवस्था ना बिगड़े। लेकिन रात व छुट्टी के दिन पुलिस कर्मचारी नहीं रहते है। पिछले दिनों रात के समय एक हादसा हो गया था। जिसमें एक व्यक्ति की जान भी चली गई थी। अगर ट्रैफिक लाइट ठीक होती तो उसकी जान बच सकती थी। मैंने संबंधित विभाग को सख्त आदेश दे दिए है कि 30 नवंबर तक वो टेंडर खोलकर काम शुरू करे। अगर उसके बाद भी काम शुरू नहीं होता है तो उनके विभाग को पत्र लिखा जाएगा। यह काम तेजी से करवाया जाएगा।

- समवर्तक सिंह, जिला नगर आयुक्त फतेहाबाद


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