पहली और दूसरी कक्षा आंगनबाड़ी को देने का शिक्षक संघ ने किया विरोध, आंदोलन की दी चेतावनी
जागरण संवाददाता फतेहाबाद प्रदेश सरकार द्वारा कक्षा पहली व दूसरी कक्षा को आंगनवाड़ी क
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : प्रदेश सरकार द्वारा कक्षा पहली व दूसरी कक्षा को आंगनवाड़ी को देने का राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने कड़ा विरोध किया है। इसको लेकर राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ हरियाणा की जिला कार्यकारिणी द्वारा जिलाध्यक्ष सुरेन्द्रपाल नैन के नेतृत्व में जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया गया। धरने को राज्य चेयरमैन देवेन्द्र दहिया और पूर्व जिला प्रधान विकास टुटेज ने संबोधित किया और सरकार के शिक्षा व शिक्षक विरोधी नीतियों की जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि पहली व दूसरी कक्षा आंगनवाड़ी केन्द्रों को देना बिलकुल न्यायोचित नहीं है। इस बात को लेकर प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी फतेहाबाद अनिता सिगला को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा गया। इस अवसर पर पवन चमारखेड़ा वरिष्ष्ठ जिला उपप्रधान, जिला उपप्रधान धर्मबीर झाझड़ा, जिला कोषाध्यक्ष भजन कम्बोज, खंड प्रधान भट्टू अजित छाबा, खंड टोहाना प्रधान वीरेन्द्र सिंह, खंड भूना प्रधान राकेश मदान, ब्लाक उपप्रधान दलीप भाकर, हनुमान बैनीवाल, धर्मपाल आचार्य सचिव भूना, रामपाल, शिव कुामर, संजय कुमार, सुरेश कुमार, ऋषिपाल नैन सहित अनेक प्राथमिक शिक्षक मौजूद रहे।
धरने को संबोधित करते हुए देवेन्द्र दहिया व विकास टुटेजा ने कहा कि कक्षा पहली व दूसरी प्राथमिक शिक्षा की नींव होती है। इसके लिए प्रदेश सरकार दो वर्षीय शिक्षा डिप्लोमा केस, एचटेट, सीटेट पास पात्र शिक्षकों का चयन वरियता के आधार पर करती है ताकि इन बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जा सके। इसके अतिरिक् त समय-समय पर शिक्षा के क्षेत्र में होने वाले नवाचार व अनुसंधानों से अवगत करवाने हेतु सेवा में कार्यरत शिक्षकों को समकालीन प्रशिक्षण् भी देती है, यानि सरकार का मानना रहा है कि प्राथमिक शिक्षा उसमें भी कक्षा पहली और दूसरी किसी भी बालक-बालिका के शैक्षणिक जीवन के साथ-साथ सामाजिक जीवन में अहम भूमिका अदा करती है जोकि भविष्य में देश के सदनागरिक बनते हैं। उन्होंने कहा कि तीन-चार वर्षों से इन कक्षाओं के स्तर को सुधारने के लिए निजी कम्पनियों की सहायता लेकर भी प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं। ऐसे में अचानक सरकार का यह निर्णय कि कक्षा पहली व दूसरी को प्रशिक्षित शिक्षकों से छीनकर आंगनवाड़ी वर्कर को देना किसी भी आधार पर उचित नहीं है। यह प्रस्ताव प्राथमिक शिक्षकों के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह तो लगा ही रही है, साथ ही बालक-बालिकाओं के भविष्य को भी अंधकार में ले जाने वाली साबित होगी। जिला प्रधान सुरेन्द्रपाल नैन व वरिष्ष्ठ उपप्रधान पवन चमारखेड़ा ने कहा कि बच्चे को प्रथम अक्षर अ सिखाना एक महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण कार्य है। आंगनवाड़ी वर्कर इसके लिए किसी भी आधार से सक्षम नहीं है। न ही उनके पास शैक्षणिक योग्यता है और न ही कोई प्रशिक्षण डिप्लोमा और ना ही उन्होंने एचटेट/सीटेट जैसी परीक्षाएं उत्तीर्ण की है। ऐसे में वे इस चुनौतीपूर्ण कार्य को कैसे फलीभूत कर पांएगी, यह एक विचारणीय विषय है। इसके साथ ही सरकार के इस निर्णय से प्राथमिक शिक्षकों के पद भी समाप्त हो जाएंगे। जिन युवाओं ने कड़ी मेहनत की डीएड, उसके साथ एचटेट, सीटेट परीक्षा उत्तीर्ण की है, उनके लिए नौकरी के सभी दरवाजे बंद हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षकों के अधिकारों पर किसी भी प्रकार का कुठाराघात को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि सरकार ने अपने इस कदम को वापस नहीं लिया तो संघ आंदोलन करने को तैयार है। उन्होंने सरकार से अपने निर्णय पर पुर्नविचार की मांग करते हुए कहा कि प्राथमिक शिक्षा का दायित्व प्राथमिक शिक्षकों का ही है और इसे प्राथमिक शिक्षकों के पास ही रहने दिया जाए