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कर्ज की जमीन पर खड़े आत्मनिर्भरता के पांव

मणिकांत मयंक फतेहाबाद आत्मनिर्भर भारत का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना धीरे-धीरे सही

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 07:48 AM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 07:48 AM (IST)
कर्ज की जमीन पर खड़े आत्मनिर्भरता के पांव
कर्ज की जमीन पर खड़े आत्मनिर्भरता के पांव

मणिकांत मयंक, फतेहाबाद

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आत्मनिर्भर भारत का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना धीरे-धीरे सही, साकार होने की दिशा में चल पड़ा है। विकसित देशों के साथ कदमताल में सहायक गरीबी उन्मूलन की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर योजना इसकी बानगी है। यह दीगर बात है कि आत्मनिर्भरता के पांव अभी कर्ज की जमीन पर खड़े हैं। लेकिन लोन लेकर भी मजलूम स्वरोजगार के प्रति सकारात्मक नजरिया दिखा रहे हैं। छोटा-सा खोखा, रेहड़ी, ठेला ही सही बेरोजगारी के दौर में अपने पैरों पर खड़े होने की कोशिश दिखती है।

यह इस योजना के प्रति बढ़ते लगाव का ही प्रतिबिब है कि दस सालों से दूसरे की ठेले से किस्मत चला रहे गरीब अब अपनी रेहड़ी से स्वरोजगार चला रहे हैं। रेहड़ी पर छोटा व्यवसाय चलाने वाले रमानंद बताते हैं कि वह बीघड़ रोड पर रेहड़ी लगाते थे। अब मार्केट कमेटी के गेट के साथ लगा रहे। अब प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर योजना के बारे में सुनने पर लोन के लिए आवेदन दिया है। भरोसा है कि जल्दी ही मिल जाए। रमानंद से पहले ही राजकुमार शर्मा ने आवेदन किया था। वह बताते हैं कि अपनी मैडम उर्मिला देवी के लिए ब्यूटी पार्लर खुलवाना था। उर्मिला बताती हैं कि अभी मंदा चल रहा लेकिन अपना काम तो अपना ही होता है। सच तो यह कि ऐसे करीब सौ से अधिक रेहड़ी, खोखा अथवा ठेला पर व्यवसाय चलाने के ख्वाहिशमंद हैं जिन्हें राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन से सर्टिफिकेट व संस्तुति मिलने के बाद लोन देने की प्रक्रिया चल रही है। आत्मनिर्भर भारत के संदर्भ में यह बेहद अहम साबित हो सकेगा।

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1407 स्ट्रीट वेंडर्स थे दो साल पहले

करीब दो साल पहले राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन व नगर परिषद के संयोजन से सर्वे हुआ था। यह सर्वे स्ट्रीट वेंडर्स के आंकड़े जुटाने के लिए था। सर्वे में 1407 स्ट्रीट वेंडर्स पूरे जिले में मिले थे।

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546 वेंडर्स को अप्रूव किया गया

सर्वे के उपरांत मिशन ने 546 वेंडर्स को कर्ज देने के लिए अप्रूव किया था। उन्हें अब सर्टिफिकेट भी दिये जा रहे हैं।

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145 वेंडर्स को लोन मिला

अप्रूवल के बाद सर्टिफिकेट व लेटर आफ रिकोमेंडेशन जारी कर 145 लोगों को बैंकों के जरिये दस हजार रुपये तक कर्ज दिलाने की प्रक्रिया शुरू की गई।

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- 7 फीसद सेंट्रल गवर्नमेंट से ब्याज में छूट है 10,000 रुपये से अधिक के लोन पर

- 2 फीसद स्टेट गवर्नमेंट से छूट

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- 10,000 रुपये का लोन प्रथम चरण में

- 20,000 रुपये दूसरे चरण में

- 50,000 रुपये तीसरे चरण में

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यह है पात्रता

स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर योजना में ठेला या फड़ी, चाय का खोखा, पान की दुकान लगाने वाले आवेदक पात्र माने गए हैं। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन द्वारा उन्हें पात्र मानने के पश्चात पात्रता सर्टिफिकेट व लेटर ऑफ रिकोमेंडेशन (सिफारशी पत्र) दिये जाते हैं। बैंक वाले इसी आधार पर लोन देते हैं। मिशन के अधिकारी बताते हैं कि अगर सर्वे में नाम नहीं भी आया है तो लेटर ऑफ रिकोमेंडेशन भरवाये जा रहे हैं।

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केंद्र सरकार की यह चरणबद्ध योजना गरीबों की आर्थिक आत्मनिर्भरता में बेहद सहायक है। शीघ्र ही रेहड़ी संचालकों की जियो-टैगिग के जरिये उन्हें जगह भी दे दी जाएगी। इसका व्यापक लाभ उन्हें मिलेगा। - समवर्तक सिंह, जिला नगर आयुक्त


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