सरकारी भवनों में सोलर सिस्टम का ठेंगा, अधिकारी नहीं गंभीर
सरकारी भवनों में सोलर सिस्टम लगे। इसके लिए प्रदेश सरकार के द्वारा अक्सर आदेश जारी होते है लेकिन सरकारी भवनों में संबंधित अधिकारी सोलर सिस्टम लगाने को तैयार नहीं है।
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
सरकारी भवनों में सोलर सिस्टम लगे। इसके लिए प्रदेश सरकार के द्वारा अक्सर आदेश जारी होते है, लेकिन सरकारी भवनों में संबंधित अधिकारी सोलर सिस्टम लगाने को तैयार नहीं है। जिले में हर कस्बे व शहर में सरकारी कार्यालय सैकड़ों स्क्वायर फीट जगह छतों की खाली पड़ी है, लेकिन वहां पर सोलर सिस्टम लगाने के प्रयास तक नहीं हुए। ये संबंधित विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने विभाग में सोलर सिस्टम लगाए।
गर्मी के मौसम में बिजली संकट बना हुआ। इससे अछूता लघु सचिवालय भी नहीं है। सचिवालय में अक्सर दो से तीन घंटे तक के बिजली सप्लाई के कट लगते है लेकिन न तो प्रशासनिक भवनों में सोलर सिस्टम लगा हुआ और न ही न्यायिक परिसर में। जबकि अकेले फतेहाबाद के लघु सचिवालय व न्यायायिक परिसर में 300 किलोवाट बिजली उत्पादन के लिए सोलर सिस्टम स्थापित किया जा सकता है। जबकि वहां पर अभी खपत 125 किलोवाट के करीब है। ऐसे में 175 किलोवाट बिजली सोलर सिस्टम से सरप्लस हो जाएगी। इससे बिजली का बना हुआ संकट कम हो।
व्यवस्था की विडंबना यह है कि लघु सचिवालय में एडीसी के अधीन कार्यरत अक्षय उर्जा विभाग की देखरेख में ये सोलर सिस्टम लगने है। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को अक्षय उर्जा विभाग सोलर सिस्टम लगाने के लिए पत्र भेजना होगा, तभी सरकार द्वारा निर्धारित कंपनियों के प्लेट स्थापित की जाएगी। उसके बाद भी अभी तक नहीं लगी। सरकारी कालेजों व अस्पतालों में भी यह हाल
सरकार के निर्देश थे कि सरकार बिल्डिग के अलावा सरकारी अस्पतालों व कालेजों की बड़ी छातों पर भी सोलर सिस्टम स्थापित किए जाएं। लेकिन वहां पर भी प्रशासनिक भवनों की तरफ अभी तक इस दिशा में प्रयास तक नहीं हुए। अस्पतालों में तो बिजली संकट रहता ही है। प्रशासनिक अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को बिजली सप्लाई के लिए हाट लाइन से जोड़ रही है। इसके वहां पर उन्हें सोलर सिस्टम लगाने के लिए भी सरकार के आदेशानुसार कार्य करने की जरूरत है। नेट मीटरिग से उत्पादन के साथ होगी आय
जिले में एकमात्र सिचाई विभाग के अधिकारियों ने भोडियाखेड़ा में स्थित कार्यालय में सोलर सिस्टम लगाने के लिए आवेदन किया हुआ है। लेकिन उसमें बिजली निगम के अधिकारियों ने नेट मीटरिग की बाधा उत्पन्न की हुई है। नेट मीटरिग की मंजूरी मिलने के बाद अक्षय उर्जा विभाग कार्य शुरू करेगा। वहां पर 20 किलोवाट से अधिक का सोलर सिस्टम लगेगा। खपत से अधिक बिजली उत्पादन होने नेट मीटरिग से विभाग को आय भी होगी। सरकारी कार्यालयों में सोलर सिस्टम बेहतरी विकल्प
सरकारी कार्यालय सुबह नौ से शाम पांच बजे तक खुले रहते है। इस दौरान वहां पर बिजली खपत अधिक होती है। ऐसे में सोलर सिस्टम लगाने से बिजली संकट दूर होगा। सरकार ने संबंधित अधिकारियों को अपने कार्यालय में सोलर सिस्टम लगाने के आदेश देने की बजाए, पूरे हरियाणा का सीधे कंपनियों को टेंडर जारी करना चाहिए। तभी सभी सरकार भवनों में सोलर सिस्टम लगेगा। इससे भ्रष्टाचार कम होगा। प्रदेश में अलग-अलग जोन बनाकर कई कंपनियों को टेंडर जारी कर देना चाहिए, तभी कार्य होगा। जिला स्तर पर अधिकारी इसको लेकर गंभीर नहीं है।
- एचएस बिश्नोई, विशेषज्ञ, अक्षय उर्जा।