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निजी परेशानियों को शेयर करें पुलिस कर्मचारी, तभी तनाव से दूर रहेंगे: मनोरोग विशेष

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद: पुलिस लाइन के प्रांगण में मंगलवार सुबह एक दिन की कार्यशाला का आयोजन किया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Jun 2018 10:39 PM (IST)Updated: Tue, 12 Jun 2018 10:39 PM (IST)
निजी परेशानियों को शेयर करें पुलिस कर्मचारी, तभी तनाव से दूर रहेंगे: मनोरोग विशेष
निजी परेशानियों को शेयर करें पुलिस कर्मचारी, तभी तनाव से दूर रहेंगे: मनोरोग विशेष

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद: पुलिस लाइन के प्रांगण में मंगलवार सुबह एक दिन की कार्यशाला का आयोजन किया। उक्त कार्यशाला पुलिस कर्मचारियों के मानसिक तनाव से मुक्त करने एवं कार्य क्षमता में सुधार करने के आयोजित की गई। सुबह के सैशन में 7 से 8 बजे तक योगा अभ्यास करवाया गया तथा इसके बाद मनोरोग विशेषज्ञ डा. गिरीश कुमार व डा. गुरविन्द्र कौर ने मानसिक रोगों व तनाव मुक्त रहने के लिये महत्वपूर्ण टिप्स दिये, उन्होंने मनोरोगों के लक्षण व उनके कुप्रभावों के साथ-साथ उनसे बचाव के तरीके पर भी विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि अधिक तनाव होने के कारण शारीरिक व मानसिक प्रभाव जैसे चिड़चिड़ा होना, अधिक गुस्सा आना, नीदं न आना, उदास व गुमसुम रहना आदि हो जाते हैं। कहा कि नियमित योग, ध्यान लगाना, अपनी परेशानी को शेयर करना तथा किसी कार्य को अधूरा न छोड़ना से भी हम तनाव को कम कर सकते हैं। उन्होंने इस विषय पर विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए कहा कि अधिक तनाव में किसी मनोवैज्ञानिक की सलाह लेनी चाहिए।

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इस अवसर पर पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय हिसार से विषय विशेषज्ञ सहायक उपनिरीक्षक सज्जन कुमार ने पुलिस कर्मचारियों को मानव अधिकारों एवं मानवीय मूल्यों के बारे में को विस्तार से समझाया। उन्होंने मानवीय अधिकारों व मानवीय मूल्यों को एक ही सिक्के के दो पहलू बताया। उन्होंने कहा जहां मानवीय मूल्य होंगे, वहां मानवीय अधिकारों का उल्लंघन नहीं हो सकता। कर्मचारियों को अपने संबोधन में कहा कि सभी पुलिस कर्मचारी शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रहेंगे तो जनता से अच्छा व्यवहार होगा व अपने कर्तव्य का निर्वहन भी अच्छे से कर पाएंगे। पीसीआर, नाकों तथा राइडर पर ड्यूटी करने वाले कर्मचारी पुलिस विभाग की रीढ़ होते हैं। उनका टर्न आउट, जनता से व्यवहार तथा अनुशासन समाज के अंदर अलग से नजर आना चाहिए। ड्यूटी के दौरान पुलिस कर्मचारी को यह पता होना चाहिए कि उनकी किन परिस्थितियों में क्या भूमिका बनती है और उसको कैसे हैंडल करना है। उप निरीक्षक ध्यान ¨सह ने भी संबोधित किया।


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