सावित्रीबाई फुले को किया याद
शिव नंदीशाला में भारत की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की जयंती पर महात्मा फुले फाउंडेशन की ओर से कार्यक्रम आयोजित किया गया।
संवाद सहयोगी, टोहाना:
शिव नंदीशाला में भारत की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की जयंती पर महात्मा फुले फाउंडेशन की ओर से कार्यक्रम आयोजित किया गया।
फाउंडेशन संयोजक बलदेव सैनी, महामंत्री धर्मपाल सैनी, सैनी समाज प्रगति मंच के प्रधान अनिल सैनी, पूर्व प्रधान मनोहर भारती व पूर्व प्रधान महेंद्र सैनी ने सावित्रीबाई के द्वारा किए गए समाजहित कार्यो पर प्रकाश डालते हुए उन्हे नमन किया। बलदेव सैनी ने बताया कि उनका जन्म 1831 को हुआ था और मात्र 9 वर्ष की आयु में उनका विवाह 19वीं सदी के महान समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले के साथ हुआ। उस समय महिलाओं के लिए शिक्षा के द्वार बंद थे। महात्मा फुले ने सावित्रीबाई को घर पर ही शिक्षित कर 1848 में पहली पाठशाला का शुभारंभ किया। जिससे सावित्रीबाई को भारतवर्ष की पहली महिला शिक्षिका बनने का गौरव प्राप्त हुआ।
संगठन महामंत्री धर्मपाल सैनी ने सावित्रीबाई के महान कार्यो के लिए भारत सरकार से उन्हे भारत रत्न देने की मांग करते हुए कहा कि फुले दंपति ने तत्कालीन समाज में व्याप्त बुराइयों जैसे सती प्रथा, विधवा मुंडन, दहेज प्रथा का विरोध किया तथा विधवा विवाह व नारी शिक्षा का समर्थन कर समाज को नई दिशा देने का काम किया
इस अवसर पर संयोजक बलदेव सैनी, धर्मपाल सैनी, कृष्ण सैनी, एडवोकेट अनिल सैनी, रूप सैनी, मनोहर भारती, महेंद्र सैनी, संजू सैनी, इल्ला सैनी, महावीर सैनी, महेंद्र सैनी, बलजीत सैनी, कर्मवीर कन्हडी, पार्षद शशीबाला, राकेश सैनी, गौरव सैनी, विजय रत्न, कुलदीप, ऋषिपाल, भीम सैनी, सरदारा राम, परमजीत कौर, कमलेश, शालू, सुदेश, संतोष, सुरेंद्र सैनी, जिले सिंह आदि उपस्थित थे।