रोडवेज की बस अब दौड़ने लगी सभी रूटों पर, आमजन को मिली राहत
कोरोना काल में रोडवेज का धीमा पड़ा पहिया फिर से रफ्तार भरने लग गया है। अब तो रोडवेज के उच्चाधिकारियों ने भी निर्देश दे दिए हैं कि वे पहले के सभी निर्धारित रूटों पर बसें चलाएं ताकि आमजन को परेशानी न हो।
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : कोरोना काल में रोडवेज का धीमा पड़ा पहिया फिर से रफ्तार भरने लग गया है। अब तो रोडवेज के उच्चाधिकारियों ने भी निर्देश दे दिए हैं कि वे पहले के सभी निर्धारित रूटों पर बसें चलाएं ताकि आमजन को परेशानी न हो। फतेहाबाद डिपो के अधिकारियों ने लंबे रूटों पर तो पहले ही बस चलानी शुरू कर दी थी। अब ग्रामीण रूटों पर भी बस चलाने के निर्देश दे दिए हैं।
फतेहाबाद जिले में रोडवेज के पास 156 बसें है। इनमें से 134 बसें निर्धारित रूटों पर चल रही है, हालांकि पेरशानी ग्रामीण रूटों को लेकर आ रही है। ग्रामीण रूटों पर बसों में सवारी नहीं चढ़ रही। ऐसे में रोडवेज विभाग को मोटा नुकसान हो रहा है।
रोडवेज अधिकारियों का कहना है कि जिले में ग्रामीण 49 रूट हैं। इन सभी पर रोडवेज की बसें चल रही है। लेकिन परेशानी रोडवेज को प्रति किलोमीटर से होने वाली आय है। अब अब अधिकांश ग्रामीण रूटों से रोडवेज को प्रति किलोमीटर 10 रुपये की आय हो रही है जबकि इंटर स्टेट व इंटर डिस्ट्रिक्ट रूटों पर चलने वाली बसों से रोडवेज को 25 से 30 रुपया प्रति किलोमीटर की आय प्रतिदिन होती है। ऐसे में लोकल रूट पर कम रसीट आने पर रोडवेज का ज्यादा बचत नहीं हो पाती। बढ़ रहा राजस्व :
रोडवेज के सभी रूटों पर बस चलाने से राजस्व में बढ़ोतरी हो रही है। कोरोना काल से पहले रोडवेज को 15 लाख रुपये तक राजस्व मिल जाता था। लॉकडाउन के बाद रोडवेज की पहिया शुरू तो हुआ लेकिन राजस्व सवारी न मिलने से नहीं बढ़ा। शुरुआत में प्रतिदिन 2 से 3 लाख रुपये ही आय होती थी। लेकिन अब रोडवेज का प्रतिदिन 10 से 11 लाख रुपये तक की आय होती है। रोडवेज यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि कोरोना काल सर्दियों में अधिक नहीं बढ़ा तो रोडवेज का राजस्व फिर से बढ़कर 15 लाख रुपये हो जाएगा। सभी रूटों पर चलाई जा रही बसें : मनोज
रोडवेज विभाग की तरफ से निर्देश आए है कि बसों को पहले की तरह सभी रूटों पर चलाए। लंबे रूटों की बसें पहले ही शुरू हो गई थी। अब लोकल रूटों पर भी बस चला दी है। यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं आने दी जा रही।
- मनोज शर्मा, ट्रैफिक मैनेजर, रोडवेज डिपो। सरकार रोडवेज को लेकर गंभीर हो : सहारण
प्रदेश सरकार रोडवेज को लेकर गंभीर नहीं है। तभी तो रोडवेज की हालत खराब चल रही है। यह महकमा आमजन से जुड़ा हुआ है। ऐसे में इसमें सरकार सुधार का प्रयास करें। हाईवे पर रोडवेज की बसों को चलाए। लेकिन निजी बसों को अब गलत तरीके से परमिट दिया जा रहा है।
- ईश्वर सहारण, प्रधान, रोडवेज वर्कर्स यूनियन। रोडवेज डिपो में बस : 156
अब चल रही रूटों पर : 134
जिले में ग्रामीण रूट : 49
जिले में कुल रूट : 95