बारिश से बिछी फसल, मुआवजे के दायरे से बाहर
बेमौसमी बारिश से कपास, धान व बाजरे की फसल को भारी नुकसान
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
बेमौसमी बारिश से कपास, धान व बाजरे की फसल को भारी नुकसान हुआ है। ये फसलें खेतों में बिछ गई। इसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ेगा। दुर्भाग्य से यह नुकसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दायर में नहीं आता। इसका मतलब यह है कि जिन किसानों की फसल बारिश के साथ आई तेज हवाओं में बिछ गई है उसे मुआवजा नहीं मिलेगा। इससे किसान निराश व हताश है। उनकी मांग हैं कि इस नुकसान को भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल किया जाए।
पिछले दो दिनों से तेज हवाओं के साथ हो रही बारिश से करीब 40 हजार हेक्टेयर धान की फसल प्रभावित हुई हैं। अगेती फसलें खेतों में बिछ गई। इसके अलावा कपास की 69 हजार हेक्टेयर में खेती की गई है। इसमें से 90 फीसद फसल खराब हो रही है। कई जगह तो तेज हवाओं में खेतों में बिछ गई है। ऐसे ही बाजरे की फसल को नुकसान हुआ है। किसान बारिश से फसल बिछने के बाद मुआवजे की आस लगाए हुए है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि जलभराव व ओलावृष्टि होने पर मुआवजा मिलेगा।
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उत्पादन कम होने पर मिलता है मुआवजा
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में कम उत्पादन होने पर मुआवजे का प्रावधान है। इसमें एक इकाई पूरे गांव को माना है। गत वर्ष जिले में 78 करोड़ रुपये मुआवजा आंवटित किया गया था। यह मुआवजा कम उत्पादन होने पर दिया गया। किसानों की मांग हैं कि फसल बिछने पर भी मुआवजा दिया जाएगा। सेटेलाइट से सर्वे करवाते हुए मुआवजा जारी करे। फसल बिछ जाने से उत्पादन 70 से 80 फीसद तक कम हो जाता है।
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जलभराव व ओलावृष्टि से कहीं नुकसान हुआ है तो उस किसान को इसका लाभ मिलेगा। बारिश से फसल बिछने से मुआवजा नहीं मिलता। ये जरूर है कि उत्पादन कम होने पर किसानों को मुआवजे का प्रावधान है। गत वर्ष भी कम उत्पादन होने पर किसानों को करोड़ों रुपये मुआवजा मिला था।
- डा. बलवंत सहारण, उपनिदेशक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग।