गेहूं की बिजाई का उचित समय, नवंबर में पूरी करें बिजाई
गेहूं का बिजाई का सही समय चल रहा है। जिले के किसानों ने अ
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : गेहूं का बिजाई का सही समय चल रहा है। जिले के किसानों ने अब तक बड़ी संख्या में गेहूं की बिजाई कर ली है। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि किसान नवंबर के अंदर अंदर गेहूं का बिजाई कार्य पूरा कर लेना चाहिए, ताकि उत्पादक अच्छा हो सके। वैसे अब जो तापमान है वह गेहूं के बिजाई के लिए उपयुक्त है। अमूमन गेहूं बिजाई का समय एक नवंबर से शुरू होता है, लेकिन कुछ किसान अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में भी गेहूं की बिजाई शुरू कर देते है। अबकी बार जिले में 1 लाख 80 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बिजाई की जानी है। अब तक एक लाख 10 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बिजाई हो चुकी है। वैसे भी गेहूं रबी की सबसे प्रमुख फसल है। केंद्र सरकार ने पहले ही गेहूं के भाव में इस बार मामूली बढ़ोतरी की है। उसके बाद भी गेहूं के रकबे में लगातार बढ़ोतरी हुई है। दूसरी ओर कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों का आह्वान किया है कि वे गेहूं की बिजाई मौसम को ध्यान में रखकर ही करें। इस अब गेहूं की बिजाई करने पर उत्पादक अधिक मिलेगा।
-------------------------ये है गेहूं की मुख्य किस्में
कृषि विभाग के द्वारा कई किस्मों की सिफारिशे की जाती है। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना गेहूं के बीज का उपचार के बाद ही बुआई करनी चाहिए। इसके लिए एचडी-2967, डब्ल्यूएच-1105, एचडी-3086, डीबीडब्ल्यू-88, एचडी-सीएसडब्ल्यू-18, पीबीडब्ल्यू-550 किस्मों की बिजाई कर सकते हैं। देरी से बिजाई के लिए किसान डीबीडब्ल्यू-71, डीबीडब्ल्यू-90, एचडी-3059, डब्ल्यूएच-1021, पीबीडब्ल्यू-590 किस्मों की बिजाई कर सकते हैं। -------------------------लोहे की कमी में ये करें
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि गेहूं में लोहे की कमी में नीचे की पत्तियां हरी तथा नई निकलने वाली पत्तियां पीली धारीधार या पूर्णतया पीली हो जाती हैं। यह ट्यूबवेल के पानी में बाइकार्बोनेट की अधिकता के कारण होता है। इसके उपचार के लिए गेहूं की फसल पर 0.5 प्रतिशत फैरस सल्फेट के घोल के 8-10 दिन के अंतर पर लगातार दो से तीन छिड़काव करें। पानी की जांच कराकर जरूरत के अनुसार जिप्सम डालें।
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गेहूं की बिजाई का अब सही समय है, किसान गेहूं की बिजाई इसी महीने में पूरी कर ले। गेहूं की उन्नत किस्मों की बिजाई किसान अपने खेत की मिट्टी के अनुसार करें। इससे उत्पादन अधिक होगा।
- डा. अनूप ¨सह, ब्लॉक कृषि विकास अधिकारी।