प्रगट भई सगले जुग अंतर गुरुनानक दी वडयाई...
जागरण संवाददाता फतेहाबाद प्रगट भई सगले जुग अंतर गुरुनानक दी वडयाई सब आंखों धन धन गुरु
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद
प्रगट भई सगले जुग अंतर गुरुनानक दी वडयाई, सब आंखों धन धन गुरु सोही, आदि शबद कीर्तन के माध्यम से गुरुओं की बाणी का गुणगान किया। गुरु नानकदेव के 552वें प्रकाश दिवस के उपलक्ष्य में जगजीवनपुरा में नवनिर्मित गुरुद्वारा सिंह सभा की नई इमारत में समागम आयोजित हुआ। इस अवसर पर रागी जत्था भाई गुरप्रीत सिंह जी बाबा बकाला वाले व कथावाचक ज्ञानी गुरमत सिंह जी लुधियाना वालों के अलावा गुरुद्वारा के रागी जत्था भाई गुरजंट सिंह व गुरुनानकपुरा गुरुद्वारा के रागी जत्था भाई राजवीर सिंह ने गुरमत विचार सांझे करते हुए गुरुओं की बाणी से संगत को निहाल किया। इस अवसर पर डीसी महावीर कौशिक ने भी समागम में भाग लिया तथा गुरुघर में मत्था टेका। मंच संचालन गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के महासचिव महेंद्र सिंह वधवा ने किया। इस अवसर पर उपस्थित संगत को संबोधित करते हुए कहा कि उनका सौभाग्य है कि गुरु जी के प्रकाशोत्सव में उन्हें गुरुघर में हाजिरी लगाने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि गुरुओं की महिमा अपरंपार है जिसका नजारा इतनी संख्या में संगत का उपस्थित होना बता रहा है। उन्होंने कहा कि गुरुद्वारा सिंह सभा प्रबंधन कमेटी द्वारा कोरोना काल में प्रशासन का किया गया सहयोग अविस्मरणीय है। उन्होंने कहा कि कमेटी द्वारा जो मांग उनके समक्ष रखी गई है उसको पूरा करने का भरसक प्रयास करेंगे। प्रबंधन कमेटी द्वारा डीसी को सिरोपा व स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर रागी जत्थों व कथावाचक ने कहा कि गुरु नानकदेव द्वारा जो ज्ञान रुपी ज्योति दिखाई गई उसी का अनुसरण कर हमें अपने जीवन को धन्य बनाना चाहिए। जिन्होंने ने भी गुरु नानकदेव के वचनों पर अमल किया वो जन्म मरण के चक्र से मुक्त हो गए। उन्होंने बताया कि गुरु नानकदेव ने अपनी जिदगी का सबसे अधिक समय सुल्तानपुर लोधी में बिताया उन्होंने कहा कि गुरुघर से भटकने वाले को कहीं भी टिकाना नहीं मिलता। इसलिए जरुरी है कि गुरु जी की