घर बैठे पूजा, छत पर सुबह की सैर, थाली में रहेगी पर्याप्त सब्जी
जागरण संवाददाता फतेहाबाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान को जिले के लोगों ने संजीदगी
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान को जिले के लोगों ने संजीदगी से लिया है। कोरोना के खिलाफ देशव्यापी जंग में सरकार के साथ कदमताल करने को तैयार जिले की जागरूक जनता ने मोर्चा संभाला है। जनता कर्फ्यू को सफल बनाने के लिए एक दिन पहले से ही कमर कस ली गई है। तभी तो सुबह से रात तक की तमाम दिनचर्या के दृष्टिगत पूर्व व्यवस्था की ढाल बनाई है। जिले के लोगों ने न केवल एक दिन खुद को घरों में मशगूल रखने की मोर्चाबंदी की है अपितु इस दौरान आने वाली दुश्वारियों से दो-दो हाथ करने की कार्ययोजना को अमल में लाया है।
शासन-प्रशासन की अपील के आलोक में घर-गृहस्थी के लिए आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी तो एक दिन पहले ही कर ली गई ताकि कर्फ्यू के दौरान कहीं जाना न पड़ जाए। इसके साथ ही, प्रशासनिक अपील पर खुद को सामूहिक तौर पर पूजा-अर्चना से भी दूर कर लिया है। अब अधिकाधिक लोग अपने घर ही पूजा करेंगे। ऐसा मंदिरों के पुजारी की अपील भी कर रहे हैं। सुबह की सैर भी अब या तो अपने घरों की छत पर करेंगे या फिर अपने आवास परिसर में। सेहत से ही जुड़े भोजन में सहायक सब्जी का जुगाड़ भी पूर्व तैयारी का ही प्रतिफल है। जिलावासी सरकार व सरकारी तंत्र के उन तमाम गाइडलाइंस को फॉलो करने को तैयार हैं जो उन्हें कोरोना वायरस से लड़ने में सहायता करे। आइये, एक झलक देखते हैं, जनता कर्फ्यू और उससे भी आगे कोरोना को मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारियों की :
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पूर्व खरीदारी से शनिवार को मुरझाई सब्जी मंडी
सुबह तकरीबन पांच बजे थे। सब्जी मंडी में अन्य दिनों की तरह ही खरीदारी। एक बार तो खासी भीड़ लगी। पर, धीरे-धीरे यह भीड़ छंटने लगी। तकरीबन अठाइस साल से सब्जी बेच रहे साठ साल के राजाराम सैनी कारोना की खबर के बीच बाजार का गुना-भाग करने में मशगूल थे। पूछने पर बताया, अफवाह उड़ी तो बृहस्पतिवार को रेट में वृद्धि हुई। शनिवार को थोक के ग्राहक के साथ-साथ खुदरा ग्राहक भी कम ही आए। सैनी की दुकान से दो कदम आगे मंडी एसोसिएशन के
उप-प्रधान भूप सिंह भी किसी ग्राहक के साथ व्यस्त थे। बोले, शुक्रवार को मीटिग हुई थी। तय हुआ था कि जनता कर्फ्यू के दौरान मंडी पूर्णतया बंद रहेगी। पिछले दिनों ड्योढ़ा सब्जी आई थी। महंगाई या अफरा-तफरी जैसी बात अब नहीं है। उधर, जगजीवनपुरा से मंडी में रुटीन के तौर पर सब्जी लेने आए दंपती मलकीत और दिलसीप खुश थे कि सप्ताहभर की सब्जी ले ली। बोले, अब थाली में सब्जी पर्याप्त रहेगी। शहर के साथ ग्रामीण अंचल के लोगों ने भी सब्जी प्रचुरता में खरीदी है। भिरडाना से ट्रैक्टर ट्राली में सब्जी लेकर गांव जा रहे श्रीराम ने कहा, कोई दिक्कत नहीं होगी गांव में सब्जी की।
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सेहत के पार्को में साथियों का साथ छूटा
शहर के ही एक छोर पर है हैरिटेज पार्क। चिल्ली झील के साथ बने इस पार्क की छटा पिछले दो-तीन सालों से लोगों को सेहत की सैर के आकर्षित करती रही है। सुबह का वक्त। मॉर्निग वॉक के लिए सुबह-शाम जुटने वाली भीड़ शनिवार को खौफ की वजह से दूर थी। हां, कुछ लोग ऐसे जरूर थे जो किसी भी मुसीबत में सैर करने से परहेज नहीं करते। बेशक, उनके चेहरे पर सैर के साथियों का साथ छूटने का मलाल था। मध्यवर्गीय परिवार के 58 वर्षीय रामप्रकाश अपनी ही उम्र के मोहिदर के साथ पार्क का चक्कर लगा रहे थे। कदम रफ्तार में। जुबां पर कोरोना। रामप्रकाश कह रहे थे-आज तो देवेश की मम्मी ने भी पार्क आने से मना कर दिया। मोहिदर इस बात से दुखी थे कि विनायकजी, राहुलजी, विनय, जगपाल जैसे नियमित सैर करने वाले उनके साथी नहीं आ सके थे। गिनती के आठ लोग ही थे उस वक्त इस पार्क में। उधर, जगजीवनपुरा स्थित दीनदयाल उपाध्याय पार्क में सुरजीत व सुंदर रुटीन के तौर पर मॉर्निग वाक कर रहे थे। बोले, आज कई साथी नहीं आए। दस मिनट भी नहीं बीते कि पार्क के गेट पर ताला जड़ दिया गया। सुरजीत बोले, कोई बात नहीं। छत अथवा घर के आगे कैंपस में ही चक्कर लगा लेंगे।
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आशंका के अंधेरे में आस्था के बंद कपाट
जनता कर्फ्यू। प्रधानमंत्री की अपील। सामाजिक, राजनीतिक अथवा धार्मिक-हर क्षेत्र में व्यापक असर। माडल टाउन की 55 वर्षीय सुनयना को भी मालूम था कि रविवार को घर में ही रहना है। लेकिन आज वह शनि मंदिर में तेल चढ़ाने आ गई थीं। थोड़ा लेट हो गई थीं। तकरीबन साढ़े दस बज गए थे। बोली, पूजा-अर्चना के लिए न तो वक्त होता और न ही कोई निर्धारित जगह। यह सब आस्था की बात होती है। हमारी आस्था मंदिरों के बंद होने का मोहताज नहीं। आज मंदिर में पूजा कर रही हूं, कल घर बैठे ही पूजा कर लूंगी। कमोबेश यही विश्वास दुर्गा मंदिर में पूजा करने आईं ममता की भी थी। बोलीं, शुचिता कहीं भी कायम की जा सकती है। शुचिता से ही पूजा होती है। यहां इस मंदिर में पुजारी रमेश पंडित मुंह पर साफा बांधे बैठे थे। बोले, इक्का-दुक्का लोग ही आए। अब मंदिर का कपाट बंद रहेगा। उन्होंने तो श्रद्धालुओं से अपील भी कर डाली कि अभी घरों में ही पूजा करो। इसी तरह, हनुमान मंदिर में भी सुबह छह बजे की आरती के बाद कपाट बंद कर दिए गए। कोरोना की आशंका..आशंका के अंधेरे में आस्था के कपाट बंद ..।
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