पीड़ित परिवारों की सुरक्षा का भी ध्यान रखें अधिकारी
जागरण संवाददाता फतेहाबाद अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों पर किसी भी तरह के
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों पर किसी भी तरह के उत्पीड़न रोकने व पीड़ित व्यक्तियों को न्याय दिलवाने के लिए उपायुक्त रवि प्रकाश गुप्ता की अध्यक्षता में लघु सचिवालय के सभागार में जिला स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक में उपायुक्त ने संबंधित विभाग के अधिकारियों व समिति के गैर सरकारी सदस्यों के साथ एसएसी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामलों में की गई कार्रवाई की समीक्षा की। बैठक में दस मामलों पर विचार विमर्श किया गया। विचार विमर्श के बाद 4 मामलों का निपटान हो जाने के बाद एजेंडे से दफ्तर दाखिल किया गया। उन्होंने पुलिस व कल्याण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि पीड़ित व्यक्तियों को तुरंत आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए और इसमें किसी प्रकार की देरी न हो।
उपायुक्त ने पुलिस विभाग को निर्देश दिए एससी -एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामलों की रिपोर्ट की प्रति तुरंत जिला कल्याण अधिकारी को मुहैया करवाई जाए ताकि पीड़ितों को आर्थिक सहायता मिलने में देरी न हो। उपायुक्त ने कहा कि एससी-एससी एक्ट के तहत दर्ज मामलों में अनावश्यक देरी न हो तथा इन मामलों की त्वरित कार्रवाई करें। जरूरी दस्तावेज शीघ्र पूरा करके पीड़ित को सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सहायता राशि मुहैया करवाई जाए। बैठक में समिति के गैर सरकारी सदस्यों ने उपायुक्त से ऐसे मामलों की जांच पारदर्शिता के साथ-साथ त्वरित करने की मांग की ताकि पीड़ित व्यक्ति मानसिक रूप से उत्पीडऩ का शिकार न हो। कल्याण विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि वे विभाग की ओर से चलाई जा रही विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं को और प्रभावी ढंग से लागू करे। लोगों को योजनाओं का लाभ देने के लिए जागरूकता शिविर और प्रचार-प्रसार के माध्यम से इसकी जानकारी दी जाए। बैठक में एएसपी धर्मबीर पूनिया, जिला कल्याण अधिकारी सुशील कुमार, गैर सरकारी सदस्य डा. रामस्वरूप सोतरिया, मुकेश कुमार एमपी लैंड्स, महेन्द्र सिंह वधवा, प्रीतम, ईश्वर सिंह, वीरभान सहित संबंधित विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
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ये मिली हैं राशि
अलग-अलग धाराओं के तहत दर्ज मुकदमों में पीड़ित व्यक्ति को 85 हजार रुपये से लेकर आठ लाख 25 हजार रुपये की राशि मिलती है। मुकदमा दर्ज होने के साथ 25 फीसद राशि, कोर्ट में चालान प्रस्तुत किए जाने पर 50 फीसद तथा निर्णय आने पर पीड़ित को शेष राशि का भुगतान कर दिया जाता है।