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मंदिरों में कहीं दिखी लापरवाही तो कहीं पर नियमों का हो रहा पालन

जागरण संवाददाता फतेहाबाद कोरोना संकट में मंदिरों के ताले खुल गए हैं लेकिन जो भीड़ प

By JagranEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 07:24 AM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 07:24 AM (IST)
मंदिरों में कहीं दिखी लापरवाही तो कहीं पर नियमों का हो रहा पालन
मंदिरों में कहीं दिखी लापरवाही तो कहीं पर नियमों का हो रहा पालन

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

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कोरोना संकट में मंदिरों के ताले खुल गए हैं लेकिन जो भीड़ पहले नजर आती थी वो अब नजर नहीं आ रही है। सुबह के समय कुछ भीड़ रहती है लेकिन शाम को कुछ ही लोग मंदिरों में आ रहे है। रविवार को भी यही हाल रहा है। मंदिरों में व्यवस्था का जिक्र करे तो अच्छी भी मिली और लापरवाही भी सामने आई है। फतेहाबाद के दुर्गा मंदिर में तो बिना हाथ धोए को एंट्री तक नहीं मिल रही है। लेकिन भट्टूकलां के हनुमान मंदिर में ना तो कोई नियम और ना ही कोई रोकने वाला मिल रहा है। लेकिन श्रद्धालुओं की भीड़ कम होने के कारण कुछ राहत मिल रही है। वही मंदिरों में घंटी बजाना बंद है। ऐसे में श्रद्धालुओं के हाथ भी कम लग रहे है। दैनिक जागरण पिछले काफी समय से कोरोना के प्रति बरती जा रही लापरवाही को उठा रहा है। रविवार को जिले के मंदिरों का निरीक्षण कर वहां की व्यवस्था को जांचा।

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दृश्य : एक

रविवार देर शाम फतेहाबाद स्थित दुर्गा मंदिर तो खुला मिला लेकिन लोगों की भीड़ कुछ खास नहीं थी। लोगों में धारणा अब भी है कि सार्वजनिक स्थानों पर जाने से कोरोना हो सकता है। यह डर जरूरी भी है। वहीं मंदिर परिवार में प्रवेश करने से पूर्व हर श्रद्धालु को पहले मास्क लगाना पड़ रहा है वहीं हाथों को साबुन से धोने के बाद ही अंदर प्रवेश मिल रहा है। यह सिस्टम नजर भी आया। दुर्गा मंदिर शहर का मुख्य मंदिर है। ऐसे में व्यवस्था लागू होना जायज भी है। यहां पर जो भी श्रद्धालु आ रहा था वो हाथ धोने के साथ ही अंदर प्रवेश कर रहा था।

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दृश्य : 2 :

दुर्गा मंदिर में मंदिर में प्रवेश करने से पहले घंटा था। लेकिन कोरोना संकट के कारण इसे बांध दिया गया है ताकि हर किसी का हाथ ना लगे। इसके अलावा पुजारी भी दुर्गा मंदिर में अपनी सीट पर बैठे रहे। यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं को पहले ही आदेश है कि वो कम से कम 6 फीट दूर रहकर पूजा करे। मंदिर में पहले प्रसाद दिया था लेकिन अब बंद कर दिया गया। श्रद्धालुओं को भी पता है कि अगर वो यहां की वस्तुओं को छुएंगे तो कोरोना संक्रमण बढ़ने का खतरा है। वही सुबह व शाम को मंदिर को सैनिटाइज्ड किया जा रहा है।

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दृश्य : 3

भट्टूकलां के हनुमान मंदिर में व्यवस्था कुछ नहीं नजर आई। मंदिर के प्रवेश द्वार पर ना तो साबुन व पानी का प्रबंधन आया और ना ही किसी को रोकने वाला बैठा था। यहीं कारण था कि कुछ बच्चे मस्ती से मंदिर में घूम रहे थे। वो हर वस्तु को छू भी रहे थे। अगर किसी वस्तु को छूने से ये कोरोना संक्रमित हो गए तो कौन जिम्मेदार होगा। पहली गलती तो माता-पिता है कि सार्वजनिक स्थान पर आने से पहले सुरक्षा जरूरी है। वही मंदिर प्रशासन की गलती ये रही कि यहां पर बिना मास्क बने ही अंदर प्रवेश कर रहे थे। ऐसे में मंदिर प्रशासन को भी सोचना चाहिए कि कोरोना संकट में वो भी नियमों का पालन करे। अगर नहीं करेंगे तो समय दूर नहीं जब इस मंदिर में कोरोना का कोई मरीज मिल जाएगा।

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हमारे मंदिर को सुबह व शाम सैनिटाइज्ड किया जा रहा है। मंदिर में प्रवेश उसे ही मिल रहा है जो हाथ धोकर व मास्क लगाकर आएगा। इसके लिए हमने पहले ही बोर्ड लगा दिया है। कोरोना के बाद कुछ ही श्रद्धालु मंदिरों में आ रहे है। ऐसे में शारीरिक दूरी तो बनी रहती है। सुबह 10 बजे के बाद मंदिर को बंद कर दिया जाता है और परिसर को साफ किया जाता है।

महेंद्र शर्मा

पुजारी, दुर्गा मंदिर, फतेहाबाद।


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