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जल शक्ति अभियान को जन आंदोलन का रूप देने की जरूरत

जल शक्ति अभियान के तहत उपायुक्त महावीर कौशिक ने शुक्रवार को राजकीय माडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल के बच्चों की प्रभात फेरी जागरूकता रैली को झंडी दिखाकर रवाना किया। इससे पहले उपायुक्त कौशिक ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए स्कूल के प्रांगण में पौधारोपण भी किया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 Jun 2021 07:00 AM (IST)Updated: Sat, 26 Jun 2021 07:00 AM (IST)
जल शक्ति अभियान को जन आंदोलन का रूप देने की जरूरत
जल शक्ति अभियान को जन आंदोलन का रूप देने की जरूरत

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

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जल शक्ति अभियान के तहत उपायुक्त महावीर कौशिक ने शुक्रवार को राजकीय माडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल के बच्चों की प्रभात फेरी जागरूकता रैली को झंडी दिखाकर रवाना किया। इससे पहले उपायुक्त कौशिक ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए स्कूल के प्रांगण में पौधारोपण भी किया।

विद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपायुक्त महावीर कौशिक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैच द रेन जल शक्ति अभियान की शुरुआत की है और हम सबको इस अभियान में अपना पूरा सहयोग देना होगा एवं पानी की हर एक बूंद का संचय करना होगा। उन्होंने कहा कि पानी एक अनमोल प्राकृतिक संपदा है और इसी भावना से हम सबको इसका उपयोग करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने जिला वासियों से अपील की कि वे अपने परिवार जनों, मित्रों और आस-पड़ोस के लोगों को भी जल के विवेकपूर्ण उपयोग और उसे व्यर्थ न बहाने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि जल शक्ति अभियान को एक जन आंदोलन का रूप देने की जरूरत है। यह जीवन के अस्तित्व से जुड़ा हुआ मामला है। इसमें सरकार के साथ जनता की भागीदारी जरूरी है। जल शक्ति अभियान सरकार का महत्वाकांक्षी अभियान है। जल जीवन मिशन योजना के तहत हर घर तक नल से जल पहुंचाने का कार्य किया जाना है। प्रदेश में इस कार्य को बेहतर तरीके से किया गया है। जहां हमें जल को हर घर तक पहुंचाना है, वहीं जल व्यर्थ न बहे, उसका सदुपयोग करके उसे दोबारा से प्रयोग में लाने की दिशा में कार्य करना है। उन्होंने कहा कि रेन वाटर हार्वेस्टिग ढांचा- इसके तहत छत के पानी के रखरखाव की व्यवस्था तथा बारिश के पानी की व्यवस्था के लिए तालाब आदि की व्यवस्था की जाती है। इसमें सोखते गड्ढे खोदकर बरसात के पानी को जमीन के पानी के रिचार्ज के लिए इस्तेमाल करना व रिचार्ज बोर तैयार करना होता है। वाटर शैड, तालाब, जोहड़, खाई व पानी के रखरखाव के लिए जरूरी व अन्य गतिविधियों का निर्माण करना। पौधारोपण कर पर्यावरण व जल सरंक्षण करना।

इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी दयानंद सिहाग, खंड शिक्षा अधिकारी सुरेश शर्मा, राम सिंह, अनूप सिंह, भरत लाल जसु, ओमप्रकाश डूडी, शैलेंद्र बिश्रोई आदि मौजूद रहे।


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