देशव्यापी हड़ताल 26 को , जिले में धारा 144 लागू
जागरण संवाददाता फतेहाबाद देशव्यापी हड़ताल को देखते हुए जिला प्रशासन भी सख्त हो गया है।
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
देशव्यापी हड़ताल को देखते हुए जिला प्रशासन भी सख्त हो गया है। विभिन्न संगठनों ने 26 नवंबर को हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। इस हड़ताल से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने तैयारी कर ली है। सबसे अधिक प्रभाव अगर पड़ेगा तो वो रोडवेज पर पड़ेगा। यह व्यवस्था ठप ना हो इसके लिए पुलिस कर्मचारी तैनात रहेंगे। वहीं धारा 144 लागू कर दी है।
जिलाधीश डा. नरहरि सिंह बांगड़ ने रोडवेज कर्मचारी यूनियनों की 26 नवंबर की प्रस्तावित हड़ताल के मद्देनजर जिला में कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने तथा अवांछित तत्वों का प्रवेश रोकने के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है। जिलाधीश द्वारा पारित ये आदेश 30 नवंबर तक लागू रहेंगे।
जिलाधीश ने हड़ताल के दौरान पैदा होने वाली संभावित परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए भारतीय दंड संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत प्रदान की गई शक्तियों का प्रयोग करते हुए तुरंत प्रभाव से लागू किया है। उन्होंने सामान्य बस संस्थान फतेहाबाद, रतिया, टोहाना के आस-पास के क्षेत्र 200 मीटर की परिधि में पांच या इससे अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगा दिया है। ये आदेश पुलिस व अन्य सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों जोकि अपनी ड्यूटी पर तैनात होंगे, पर लागू नहीं होंगे। जिलाधीश ने सख्त चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि यदि कोई व्यक्ति उपरोक्त आदेशों की अवहेलना में दोषी पाया जाता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दिल्ली घेरने जाएंगे 26 को, वापसी का मालूम नहीं : चढूनी
संवाद सूत्र, कुलां
तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली का घेराव करने के लिए किसान 26 नवंबर को कूच करेंगे, लेकिन वापसी कब होगी, ये मालूम नहीं है। शुक्रवार को ये बात भारतीय किसान यूनियन के दिग्गज नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने गांव धारसूल के बस स्टैंड पर आयोजित सभा में कही। चढूनी शुक्रवार को अपने दौरे पर धारसूल में किसानों के बीच पहुंचे थे।
चढूनी का धारसूल में पहुंचने पर बड़ी संख्या में किसानों ने उनका स्वागत किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हरियाणा में दो स्थानों पर दिल्ली का घेराव होगा। इनमें पहला स्थान सोनीपत जिले में कुंडली बॉर्डर एवं दूसरा स्थान बहादुरगढ़ में नया गांव होगा।
भाकियू नेता चढूनी के अनुसार दिल्ली का घेराव करने वहीं पहुंचे जिन्हें डर न लगता हो। डंडे भी बरस सकते हैं। उन्होंने कहा कि जाने वाले किसान अपने-अपने बिस्तर साथ लेकर जाएंगे तथा एक वक्त का खाना भी पैक करवा कर ले जाएंगे।