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नापतौल विभाग के पास दो कर्मचारी, जिले में तीन हजार से अधिक पंजीकृत दुकानदार

जागरण संवाददाता फतेहाबाद नापतोल सही हो उपभोक्ता के साथ किसी प्रकार की ठगी न हो। इसके

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 09:29 AM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 09:29 AM (IST)
नापतौल विभाग के पास दो कर्मचारी, जिले में तीन हजार से अधिक पंजीकृत दुकानदार
नापतौल विभाग के पास दो कर्मचारी, जिले में तीन हजार से अधिक पंजीकृत दुकानदार

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : नापतोल सही हो उपभोक्ता के साथ किसी प्रकार की ठगी न हो। इसके लिए सरकार लगातार आमजन को प्रचार-प्रसार के माध्यम से जागरूक करती है। लेकिन नापतोल विभाग की लंबे समय से सुध नहीं जा रही। ऐसे में अधिकांश दुकानदारों पर निगरानी नहीं की जा रही। वजह है कि नापतोल विभाग में पांच कर्मचारियों के पद हैं। जिनमें से तीन पद रिक्त हैं। एक इंस्पेक्टर के पास दो जिलों का चार्ज। ऐसे में सही से निगरानी नहीं होती।

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फतेहाबाद में जिला नापतोल विभाग का कार्यालय रतिया मोड के पास बने खाद्य आपूर्ति विभाग के गोदाम में बना हुआ है। इस विभाग में फिलहाल एक इंस्पेक्टर व दो सुपरवाइजर कार्यरत हैं। दो पद खाली है। इंस्पेक्टर को हिसार जिले का अतिरिक्त कार्य भी दिया हुआ है। ऐसे में अब देा सुपरवाइजर पूरे जिले का काम देखते है। गेहूं के सीजन में इनका काम बढ़ जाता है। दुकानदारों के साथ आढ़ती भी अपना पंजीकरण करवाने आते है। जिले में अकेले 1800 के करीब आढ़ती हैं। इसी तरह 20 हजार से अधिक दुकानदार है।

जो भी सामान खरीदता या बेचता है। उसे अपने पास रखे गए नाप यंत्र जैसे बाट व तोल की जांच नापतोल विभाग से करवानी जरूरी है। अन्यथा जुर्माने का प्रावधान है। कर्मचारियों की कमी झेल रहे नापतोल विभाग को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इन्हें नोटिस भी खुद देने जाना पड़ता है। कई बार कंडा की जांच करने पहुंचते हैं तो दुकानदार पहले ही दुकान बंद करके चलते जाते हैं। जिले में टारगेट आसानी से पूरी नहीं होते। इलेक्ट्रोनिक कंडा सिर्फ एक साल के लिए पंजीकृत

नापतोल विभाग के अधिकारी परंपरागत बाट व कंडा को दो साल के लिए पंजीकृत करते हैं। वहीं इलेक्ट्रोनिक कंडा को सिर्फ एक साल के लिए मंजूरी दी जाती है। इसके लिए अलग-अलग फीस निर्धारित है। यहां तक की धर्मकांटा की मंजूरी भी नापतोल विभाग से लेनी होती है।

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पिछले दिनों जारी किए थे 200 नोटिस

गत दिनों नापतोल विभाग द्वारा करीब 200 से अधिक दुकानदारों को नोटिस जारी किया। हरियाणा विधिक माप विज्ञान अधिनियम के तहत जारी किए गए थे। जिसमें दुकानदारों को बाट व तोल का जांच करने के लिए निर्देश दिए गए। इसके बाद बड़ी संख्या में दुकानदारों ने अपने बाट व तोल का जांच करवाई। यहां तक की जहां उसे उन्होंने नाप के कंडा या इलेक्ट्रोनिक तोल खरीदा है। उसका पक्का बिल भी साथ होना जरूरी है। दुकानदारों पर बाट व तोल पंजीकृत न होने पर 2 हजार से लेकर 10 हजार रुपये तक का जुर्माने का प्रावधान है। वहीं धर्मकांटा पर 5 हजार रुपये से लेकर 25 हजार रुपये तक जुर्माना किया जा सकता है। लगातार कार्य कर रहे हैं : निरीक्षक

हम लगातार कार्य कर रहे हैं। जो अपने तोल सही नहीं करवाते न ही उनका पंजीकरण करवाते। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है। पिछले वर्ष हमने बड़ी संख्या में कार्रवाई की थी। इस वर्ष भी अभियान चलाया हुआ है। मेरा दुकानदारों के आग्रह है कि वे अपने तोल की नापतोल विभाग में जांच करवाते हुए निर्धारित फीस भरे। अन्यथा विभागीय कार्रवाई होगी।

- धर्मपाल, निरीक्षक, नापतोल विभाग, फतेहाबाद।


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