मैनू चढ़ गई मस्ती, बाबा तेरे नाम दी
जागरण संवाददाता फतेहाबाद मैनू चढ़ गई मस्ती बाबा मस्ती तेरे नाम दी मेरी जो लाज है बाबा ते
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
मैनू चढ़ गई मस्ती बाबा मस्ती तेरे नाम दी, मेरी जो लाज है बाबा तेरे हाथ है, प्रीता तेरे नाल लगियां वे श्यामा वे, तूं करदा है ठगियां वे श्यामा वे, मै दूध कादे नाल रिड़कां कढ़ के मधानी ले गया, मुझे श्याम अपना बनाके तो देखो, बिछा दूंगा पलके राहों में तेरी कभी मेरी कुटिया में आकर तो देखो, हम हाथ उठाकर कहते हैं हम हो गए मुरली वाले के आदि भजनों पर श्रद्धालु झूम उठे। मौका था पानी वाली टंकी के पास स्थित डेरा बाबा सतराम भारा में आयोजित बाबे दा मेला के समापन का।
इस अवसर पर भजन गायिका मोना मेहता मदान व कुमारी गुंजन ने भजनों के माध्यम से बाबा की महिमा का गुणगान किया। समापन अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में समाजसेवी विजय चौधरी ने बतौर मुख्य अतिथि भाग लिया जबकि चंद्रकांता चराईपौत्रा, परमानंद आहूजा, सुरेश सुखीजा, पंकज बजाज, मनोहर हंबीरिया, किशनचंद नारंग माजरा वाले बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे।
कार्यक्रम में मंच संचालन राजकुमार मदान ने किया। इस अवसर पर आयोजित समारोह में जहां श्रद्धालुओं ने भजनो की गंगा में डुबकी लगाई वहीं वृंदावन से आए स्वामी उमानंद ने प्रवचनों के माध्यम श्रद्धालुओं को निहाल किया। उन्होंने गुरु की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि गुरु सदैव अपने शिष्य को सदमार्ग पर चलकर परमात्मा को पाने का मार्ग बतलाते हैं। उन्होंने कहा कि यह शिष्य पर निर्भर करता है कि वो अपने गुरु द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलकर परमात्मा की प्राप्ति करे या फिर दुनिया के फेरो में फंसकर अपने मानव जीवन को व्यर्थ करे। इस अवसर पर बाबा दीनादयाल ने आए हुए अतिथियों को सम्मानित किया। मंदिर के पुजारी गगन शर्मा ने इसी उपलक्ष्य में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का भोग डाला। बाबा श्रीराम और बाबा दीनदयाल ने श्रद्धालुओं को आर्शीवचन कहे। समापन पर भंडारे का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर प्रबंधन कमेटी प्रधान घनश्याम मदान, सुभाष गांधी, मदनलाल मदान, राजेंद्र आहूजा, सुभाष आहूजा, अमरलाल मदान, लेखराज नारंग, वीरेंद्र नागपाल, नरेश मदान, मनमोहन मिढ़ा, भीमसैन हंस, बसंत मुंजाल, दीवानचंद रहेजा, जोगेंद्र मदान, जुगलकिशोर ढींगड़ा, राजेंद्र फैंसी, प्रदीप नारंग, संजय स्वामी, विपिन तेहरिया, मुकेश पसरीजा, गुलशन नारंग, जगदीश नारंग, अंकित नारंग सहित अनेक संगत उपस्थित थी।