नौकरी की चाह छोड़कर पकड़ी स्वरोजगार की राह, बने नजीर
गांव बैजलपुर निवासी 23 वर्षीय युवा पंकज बल्हारा सिविल इंजीनियर है। कोरोना काल में रोजगार की तलाश की बजाए खुद का काम शुरू किया। अब वे स्वयं आत्मनिर्भर बने ही हैं साथ ही दूसरे लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं। सबसे खास बात सरकार ने भी युवा की खूब मदद की। इससे पंकज का व्यवसाय गति पड़ने लगा। अब तो उनका पूरे क्षेत्र में नाम बन गया।
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
गांव बैजलपुर निवासी 23 वर्षीय युवा पंकज बल्हारा सिविल इंजीनियर है। कोरोना काल में रोजगार की तलाश की बजाए खुद का काम शुरू किया। अब वे स्वयं आत्मनिर्भर बने ही हैं, साथ ही दूसरे लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं। सबसे खास बात सरकार ने भी युवा की खूब मदद की। इससे पंकज का व्यवसाय गति पड़ने लगा। अब तो उनका पूरे क्षेत्र में नाम बन गया।
वैसे धारणा बने गई है कि युवा पढ़ाई के बाद नौकरी की तलाश में बढ़ता है। इंजीनियर की पढ़ाई किए युवा तो मेट्रो सिटी में जाकर रोजगार की तलाश में लग जाते हैं। लेकिन इससे इतर पंकज बल्हारा ने कैंपस प्लेसमेंट में मिली जॉब को छोड़कर खुद का रोजगार शुरू कर दिया।
बैजलपुर के आत्माराम बल्हारा का इकलौता बेटा पंकज का पूरा परिवार नौकरी-पेशा है। लेकिन पंकज ने पहले ही मन बना लिया कि ्रस्वरोजगार शुरू करेंगे। इसके लिए कई क्षेत्र में रिसर्च की। रिसर्च की तो कई बाते सामने आई। वहीं बागवानी का भी मन बनाया। इसके लिए बाड़बंदी के लिए पिलर की जरूरत पड़ी। पिलर देखने के लिए पंकज ने कई जगह गए। लेकिन वहां पर उन्हें पिलर सही नहीं लगे। इसके बाद पंकज ने पिलर बनाने का काम शुरू कर दिया। पंकज ने बताया कि उनके पिलर में इंजीनियरिग के अनुरूप डिजाइन तैयार किया हुआ है।
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अब शुरू किया इंटरलॉक व सिमेंटिड ईंटों का निर्माण :
पंकज बल्हारा ने भूना बैजलपुर रोड पर पिलर बनाने का उद्यम लगाने से स्वरोजगार चल पड़ा। अब उनके फैक्ट्री में करीब 15 लोगों को रोजगार मिला हुआ है। उनके पिलर का डिजाइन इस तरह से किया हुआ है कि उनकी मियाद लंबी बन गई। इस सीजन में लाखों रुपयों का कारोबार किया। अब उन्होंने अपने व्यवसाय को बढ़ाते हुए बाड़बंदी के पिलरों के अलावा इंटरलॉक व सिमेंटिड ईंटों का निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया है।
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पीएमईजीपी के तहत मिला ऋण :
पंकज ने शुरूआत में स्टार्टअप शुरू किया तो रुपयों की परेशानी आई। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा युवाओं को स्वरोजगार देने के लिए शुरू की गई योजना का लाभ मिला। केंद्र सरकार खादी ग्राम उद्योग के तहत पीएमईजीपी यानी प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना के तहत भी ऋण मिला। पाठकों को जानकारी के लिए बता दे कि रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना के तहत 10 से लेकर 25 लाख रुपये तक का ऋण का प्रावधान है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है।
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मेरा युवाओं से आग्रह है कि वे प्रोफेशनल पढ़ाई करने के बाद खुद नौकरी की तलाश में न भटके। इससे परेशानी होगी। खुद का स्वरोजगार शुरू करे। इससे दूसरों को भी वे रोजगार देने में सक्षम होंगे। सरकार की अनेक योजनाएं है जिससे बेरोजगार युवा आसानी से अपना स्टार्टअप शुरू कर सकता है। मैंने भी पीएमईजीपी योजना के तहत रोजगार शुरू किया। अब अनेक लोगों को स्थायी रोजगार दिया हुआ है।
- पंकज बल्हारा, युवा उद्यमी, बैजलपुर।