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पराली व फसली अवशेष जलाने से बढ़ रहा प्रदूषण बेहद चिता का विषय : डीसी

उपायुक्त महावीर कौशिक ने सोमवार को पटवार भवन में फतेहाबाद खंड के नंबरदारों ग्राम सचिव पूर्व पंच-सरपंचों सहित खंड के गणमान्य व्यक्तियों के साथ बैठक कर फसल अवशेष प्रबंधन करने बारे कहा और धान की पराली व अन्य फसल अवशेषों को घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए जिला प्रशासन का सहयोग करने का आह्वान किया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Nov 2021 11:15 PM (IST)Updated: Mon, 08 Nov 2021 11:15 PM (IST)
पराली व फसली अवशेष जलाने से बढ़ रहा प्रदूषण बेहद चिता का विषय : डीसी
पराली व फसली अवशेष जलाने से बढ़ रहा प्रदूषण बेहद चिता का विषय : डीसी

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

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उपायुक्त महावीर कौशिक ने सोमवार को पटवार भवन में फतेहाबाद खंड के नंबरदारों, ग्राम सचिव, पूर्व पंच-सरपंचों सहित खंड के गणमान्य व्यक्तियों के साथ बैठक कर फसल अवशेष प्रबंधन करने बारे कहा और धान की पराली व अन्य फसल अवशेषों को घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए जिला प्रशासन का सहयोग करने का आह्वान किया।

उपायुक्त ने कहा कि पराली एवं फसली अवशेष जलाने से बढ़ रहा प्रदूषण बेहद चिता का विषय है और प्रदूषित जहरीली हवा के कारण मानव स्वास्थ्य के साथ-साथ पशु-पक्षियों के लिए भी घातक है। उपायुक्त ने गठित कमेटी के प्रभारियों व संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पराली जलाने वाले व्यक्तियों से लगाए गए जुर्माना की राशि वसूल की जाए।

उन्होंने कहा कि पराली जलाने से हवा में घुलकर धुंआ जहरीला हो जाता है, जिससे बच्चों, बुजुर्गो, महिलाओं एवं खासकर दमा एवं ह्रदय के रोगियों तथा विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों को काफी परेशानी होती है। दूषित वातावरण से आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत व अन्य परेशानियां होती है। उन्होंने कहा कि पराली जलाना समाधान नहीं है, इसका प्रबंधन किया जाना चाहिए। पराली जलाने से जहां वातावरण दूषित होता हैं वहां खेत की जमीन को भी हानि पहुंचती है। उन्होंने बताया कि पराली प्रबंधन के लिए गांव स्तर, ब्लाक स्तर व उपमंडल स्तर पर टीमें गठित की हुई है। उन्होंने कहा फतेहाबाद जिले में लगभग 70 प्रतिशत धान की कटाई हो चुकी है और 30 प्रतिशत धान की कटाई बाकी रहती है। उन्होंने कहा कि किसानों को पराली प्रबंधन बारे जागरूक किया जाए और समझाएं जो सरकार द्बारा पराली प्रबंधन के लिए उपकरण उपलब्ध करवाये जा रहे उनका उपयोग करे। उपायुक्त ने गठित की गई विभिन्न कमेटियों के इंचार्ज को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्र में जाकर किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी दें। कोई भी व्यक्ति या किसान नियमों की अवहेलना करता है तो इसकी सूचना तुरंत जिला प्रशासन व संबंधित विभाग को दें। उपायुक्त ने कहा कि धान पराली व अन्य फसली अवशेष जलाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई व जुर्माना किया जाएगा। उन्होंने किसानों व गणमान्य व्यक्तियों से आग्रह किया कि वे धान की पराली तथा अन्य फसली अवशेषों को न जलाएं। भूमि की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने के लिए कार्य करें।

इस अवसर पर एसडीएम राजेश कुमार, संयुक्त निदेशक रामप्रताप, डीडीए डा. राजेश सिहाग, डीएसपी सुभाष बिश्नोई, नायब तहसीलदार राजेश गर्ग, एसडीओ भीम सिंह आदि मौजूद रहे।


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