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कोरोना काल में गोभक्त बांट रहे आयुर्वेदिक काढ़ा

कोरोना काल में आमजन जनजीवन तो प्रभावित हुआ ही है।स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति भी बदतर हो गई। लोगों का फिर से मजबूरी में ही सही आयुर्वेद की तरफ रूझान हुआ। वहीं अनेक संस्थाओं के पदाधिकारियों ने आयुर्वेद को फिर से घर-घर पहुंचाने का संकल्प लिया। कोरोना काल में आयुर्वेदिक तरीकों से अनेक मरीजों का भी ठीक किया। उनमें टोहाना के गोभक्त प्रमुख है। शिव नंदीशाला के सदस्यों ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर के चलते कोरोना वायरस से बचाने के लिए आयुर्वेदिक काढ़ा तैयार कर आमजन को बांट रो है ताकि टोहाना क्षेत्र वासी इस कोरोना महामारी से बच सके। आयुर्वेदिक चिकित्सकों की देखरेख में तैयार यह काढ़ा लोगों के लिए रामबाण औषधी बन गया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 May 2021 07:55 AM (IST)Updated: Tue, 18 May 2021 07:55 AM (IST)
कोरोना काल में गोभक्त बांट रहे आयुर्वेदिक काढ़ा
कोरोना काल में गोभक्त बांट रहे आयुर्वेदिक काढ़ा

सतभूषण गोयल, टोहाना :

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कोरोना काल में आमजन जनजीवन तो प्रभावित हुआ ही है।स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति भी बदतर हो गई। लोगों का फिर से मजबूरी में ही सही आयुर्वेद की तरफ रूझान हुआ। वहीं अनेक संस्थाओं के पदाधिकारियों ने आयुर्वेद को फिर से घर-घर पहुंचाने का संकल्प लिया। कोरोना काल में आयुर्वेदिक तरीकों से अनेक मरीजों का भी ठीक किया। उनमें टोहाना के गोभक्त प्रमुख है। शिव नंदीशाला के सदस्यों ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर के चलते कोरोना वायरस से बचाने के लिए आयुर्वेदिक काढ़ा तैयार कर आमजन को बांट रो है, ताकि टोहाना क्षेत्र वासी इस कोरोना महामारी से बच सके। आयुर्वेदिक चिकित्सकों की देखरेख में तैयार यह काढ़ा लोगों के लिए रामबाण औषधी बन गया है।

शिव नंदीशाला ने इस महामारी में गौसेवा के साथ-साथ मानव सेवा का कार्य शुरु कर अन्य लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत बनने का काम किया है। नंदीशाला द्वारा बनाया जा रहा काढ़ा लोगों के लिए रामबाण औषधि साबित हो रहा है। प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग सुबह-शाम यहां काढा पीने के लिए आते है। वहीं अपने साथ भी ले जाते है। वहीं संस्था से जुड़े सेवादार दिन रात कार्य कर रहे है। उनमें प्रमुख प्रबंधक रामकुमार, जिले सिंह, सरदारा राम, प्रेम सैनी, महेंद्र सिंह, छतर सैनी, भीम सिंह, महावीर सैनी, राजेश जैन, मनोज बंसल, ऋषिपाल व बलजीत सैनी आदि लगे हुए है।

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गर्मियों में सुबह-शाम लगाया जाता है शिविर :

नंदीशाला के सेवादार कोरोना महामारी के कारण लोगों के लिए औषधीय काढे की व्यवस्था की गई। इसके लिए सुबह व शाम को नंदीशाला में भी तैयार करते है। इसको बनाने की विधि आमजन को बताते हुए उन्हें काढ़ा बनाने का सामान भी वितरित करते है। जोकि खांसी, जुकाम व बुखार में लाभदायक होने से इसकी मांग बढ़ रही है। औषधीय काढे में गुलबनफशा, मुलैठी, अजवायन, खसखस, गिलोय, सौंफ आदि गुणकारी औषधियां शामिल है, जो इस कोरोना महामारी में लोगो के लिए संजीवनी साबित हो रही है। इसके साथ-साथ लोगों को घर पर काढा बनाने के पैकेट तैयार किये गए है। इसके साथ-साथ नंदीशाला ने घर में आइसोलेट हो रहे लोगो को काढा, अमृतधारा व देसी गाय का घी आदि की किट बनाकर दिया जा रहा है।

---------------------- नंदीशाला संस्था के सेवादारों ने काढ़ा आयुर्वेदिक चिकित्सकों से परामर्श लेकर तैयार किया है। वहीं दैनिक जागरण में आने वाले नुस्खा से भी जानकारी जुटाकर कार्य किया जा रहा है। नंदीशाला में तैयार किया जा रहा काढ़ा जहां बुखार व खांसी के लिए कारगर औषधी है, वहीं अमृतधारा से जुकाम व ऑक्सीजन के बढ़ने में लाभ होता है। वहीं देसी गाय का घी नाक में डालने से वायरस या कीटाणु नाक में चिपक नहीं पाता जिससे वह फेफड़ो तक नहीं पहुंच पाता है। ये सभी चीजें नंदीशाला की तरफ से लोगो को निशुल्क दी जाएगी।

- धर्मपाल सैनी, संयोजक शिव नंदीशाला।


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