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पराली में आग लगी तो पट्टेदार के खिलाफ नहीं खेत मालिक पर दर्ज होगा मामला, ग्रामसचिव से लेकर सरपंच की होगी जवाबदेही

जागरण संवाददाता फतेहाबाद जिले में धान की फसल पककर तैयार है। अगले महीने से कटाई

By JagranEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 08:20 AM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 08:20 AM (IST)
पराली में आग लगी तो पट्टेदार के खिलाफ नहीं खेत मालिक पर दर्ज होगा मामला, ग्रामसचिव से लेकर सरपंच की होगी जवाबदेही
पराली में आग लगी तो पट्टेदार के खिलाफ नहीं खेत मालिक पर दर्ज होगा मामला, ग्रामसचिव से लेकर सरपंच की होगी जवाबदेही

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

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जिले में धान की फसल पककर तैयार है। अगले महीने से कटाई व कढ़ाई भी शुरू हो जाएगी। जिले में अधिकतर किसान कंबाइन से धान की कढ़ाई करते हैं। हर साल किसान पराली में आग भी लगा रहे है। लेकिन इस बार ऐसा ना हो जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। वहीं जिम्मेदारी भी तय कर दी है कि अगर गांव में पराली में आग लगी तो ग्राम सचिव से लेकर सरपंच की जिम्मेदारी होगी। ऐसे में कृषि विभाग की तरफ से कमेटी का गठन किया गया है जो इस पर नजर बनाए रखेगी।

हर साल देखने में आता है कि अक्टूबर नंवबर महीने में किसानों द्वारा पराली में आग लगाने से धुआं ही धुआं बढ़ जाता है। जिससे प्रदूषण मापक 2.5 भी एकाएक बढ़ जाता है जो सबसे अधिक खतरनाक है। जिला प्रशासन किसानों के खिलाफ कार्रवाई भी करता है लेकिन किसान है कि मानते ही नहीं। लेकिन इस बार कोरोना संकट अधिक होने के कारण धुएं से दमा रोगियों को खासी परेशानी आ सकती है।

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इन कमेटियों का किया गया है गठन

-ग्राम स्तर की कमेटी :

इस कमेटी में कृषि विभाग के एडीओ, एटीएम या बीटीएम नोडल होंगे। पंचायत विभाग से ग्राम सचिव व राजस्व विभाग से पटवारी होंगे जो किसानों को जागरूक करने के साथ ही अपनी रिपोर्ट देंगे।

::::खंड स्तर कमेटी ::::

कृषि विभाग का एसडीओ या एसएमएस इस कमेटी का नोडल अधिकारी होगा। बीडीपीओ व राजस्व विभाग से नायब तहसीलदार इस कमेटी के सदस्य होंगे।

-- उपमंडल लेवल कमेटी :

जिले के तीनों उपमंडलों में एसडीएम नोडल अधिकारी होंगे जो ग्रामस्तर व ब्लॉक कमेटी से रिपोर्ट लेंगे तथा खुद भी फिल्ड में उतरकर निरीक्षण करेंगे।

- जिलास्तरीय कमेटी :

डीसी की अध्यक्षता वाली इस कमेटी में डीडीए, डीआरओ व डीडीपीओ शामिल होंगे जो पूरे जिले की ओवरऑल मॉनिटरिग करेंगे। तीनों कमेटी के सदस्य जिला स्तरीय कमेटी को अपनी रिपोर्ट देगी। किन किसानों पर मामले दर्ज करवाए है और कहां जागरूकता अभियान चलाना है कि यह कमेटी तय करेगी।

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पिछले साल 7 नंबरदार व 4 सरपंचों पर गिरी थी गाज

पिछले साल जिले में पराली जलाने के अनेक मामले आए थे। यहीं कारण थे कि जिला प्रशासन ने किसानों पर मामला दर्ज किए थे। जिले में 481 किसानों पर मामले दर्ज हुए थे। इसके अलावा जिले के 7 नंबरदार व 4 सरंचों को सस्पेंड कर दिया था। हालांकि बाद में बहाल भी कर दिया गया था।

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पराली प्रबंधन के लिए व्यक्तिगत श्रेणी में सभी किसानों को दिया जाएगा लाभ, खर्च होंगे 155 करोड़ रुपये

-जिले में भी मिलेंगे 10 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ

फसल अवशेष प्रबंधन पर सरकार ने बड़ा ऐलान करते हुए पराली प्रबंधन के लिए व्यक्तिगत श्रेणी में सभी किसानों को लाभ देने का फैसला लिया है। व्यक्तिगत श्रेणी में विभागीय पोर्टल पर16647 आवेदन प्राप्त हुए है, जिन पर अनुमानित 155 करोड़ रुपये का खर्चा होगा। वही जिले में 10 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया जाएगा। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग हरियाणा द्वारा तय लक्ष्य 820 की अपेक्षा अब 1500 मशीनरी बैंकों को 80 प्रतिशत अनुदान पर स्थापित किया जाएगा, जिसके तहत लघु व सीमांत किसानों तक फसल अवशेष प्रबंधन मशीनरी की पहुंच सुनिश्चित की जाएगी। फसल अवशेष मशीनरी पर अनुदान के लिए 335 करोड़ रुपये का अनुमानित खर्च होगा।

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खेत के मालिक के खिलाफ होगी कार्रवाई

एनजीटी के नियमों व सरकार के आदेशों की पालना न करने पर पराली जलाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। गत वर्ष भी जिन किसानों ने पराली जलाई थी, उनके लगभग चालान पेश हो चुके हैं। इस बार खेतों में पराली में आग लगने के मामलों में पट्टेदारों के खिलाफ कार्रवाई न करके सीधी भूमि मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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