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मैंने तो सीएमओ रहते लगाए थे फार्मासिस्ट, अब सीएमओ के हाथ में पावर

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : फतेहाबाद के नागरिक अस्पताल में फार्मासिस्टों की कमी पिछले एक वर्ष से

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 11:40 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 06:13 AM (IST)
मैंने तो सीएमओ रहते लगाए थे फार्मासिस्ट, अब सीएमओ के हाथ में पावर
मैंने तो सीएमओ रहते लगाए थे फार्मासिस्ट, अब सीएमओ के हाथ में पावर

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

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फतेहाबाद के नागरिक अस्पताल में फार्मासिस्टों की कमी पिछले एक वर्ष से बनी हुई है, लेकिन सीएमओ फार्मासिस्ट रख नहीं रहे। जबकि उनके मुख्यमंत्री मुफ्त इलाज योजना के तहत फार्मासिस्ट रखने की पावर है। अब फतेहाबाद के पूर्व सीएमओ व वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डा. सूरजभान कंबोज का कहना है कि सीएमओ फार्मासिस्ट ही नहीं अन्य स्टाफ के कर्मचारी आउटसोर्सिग से रख सकते हैं। जब वे फतेहाबाद में सीएमओ थे तो उन्होंने जो कर्मचारी रखे थे उनमें फार्मासिस्ट भी थे। दरअसल, फतेहाबाद में नागरिक अस्पताल में फार्मासिस्ट के 9 पद हैं। जिनमें से पांच ही कार्यरत है। उनमें से एक की ड्यूटी कोर्ट में लगा दी है। बचे हुए चार कर्मचारियों में भी कोई न कोई कर्मचारी अक्सर छुट्टी पर रहता है। ऐसे में परेशानी बनी हुई है। इस परेशानी को दूर करने के लिए सीएमओ मुख्यमंत्री मुफ्त इलाज योजना के तहत आउटसोर्सिग पॉलिसी के तहत कर्मचारी रख सकते हैं।

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सोमवार को नागरिक अस्पताल में 810 लोगों की हुई ओपीडी

सोमवार को नागरिक अस्पताल में 810 लोगों की ओपीडी हुई। इन मरीजों ने संबंधित चिकित्सकों से किसी तरह परामर्श ले लिया, लेकिन फिर से दवा लेने के लिए उन्हें घंटों लाइन में लगना पड़ा। परेशानी तो यह है कि पहले तो चिकित्सक से मिलने के लिए घंटों इंतजार करो। जब चिकित्सक के परामर्श के बाद दवा लेने के लिए फिर से लाइन में लो। फार्मासिस्ट के पास भीड़ भी इतनी अधिक होती है कि दो से तीन घंटे में नंबर आता है।

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दवा तो मिल जाएगी, लेनी कब-कब ये कोई नहीं बताएगा

तीन घंटे के इंतजार के बाद आखिरकार दवा मिल जाएगी, लेकिन मरीज को ये कोई नहीं बताएगा कि उसे कौन सी दवा कब लेनी है। फार्मासिस्ट डाक्टर के अनुसार दवा मरीज को दे देते है। परंतु दवा कब व दिन में कितनी बार लेनी है, यह न तो डाक्टर बताएगा न ही फार्मासिस्ट। फार्मासिस्टों का कहना है कि उन्हें तो दवा देने का ही समय नहीं। वहीं चिकित्सकों के पास इतनी भीड़ होती हैं कि उनके पास एक बार मरीज देखने का समय नहीं होता। दूसरी बार को तो सवाल ही नहीं उठता।

--------------- जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के प्रति गंभीर हूं। फार्मासिस्ट क्यों नहीं रखे जा रहे इस बारे में स्वास्थ्य मंत्री व विभाग के एसीएस से बात की जाएगी। मैं तो प्रयास कर रहा हूं कि फतेहाबाद में भी जल्द से जल्द 300 बेड का अस्पताल बनने का काम शुरू हो।

- दुड़ाराम, विधायक, फतेहाबाद।

------------ यह सीएमओ के हाथ में है वे खाली पदों पर आउटसोर्सिग पॉलिसी के तहत फार्मासिस्ट ही नहीं अन्य कर्मचारी रख सकते हैं। जब मैं सीएमओ था तो मैंने तो जरूरत के अनुसार कर्मचारी रखे थे। रही बात आदेश की तो मैं सीएमओ को फार्मासिस्ट रखने का आदेश नहीं दे सकता। यह खुद सीएमओ के विवेक पर निर्भर है। यदि जरूरत है तो सीएमओ को कर्मचारी रखने चाहिए।

- डा. सूरजभान कंबोज, डिप्टी डायरेक्टर, स्वास्थ्य विभाग।

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रोगियों ने यूं बयां की परेशानी

पहले तो मुझे दो घंटे डाक्टर से मिलने में लग गए। उसके बाद डेढ़ घंटे से दवा लेने के लिए लाइन में लगा हुआ हूं। भीड़ इतनी अधिक है कि नंबर ही नहीं आ रहा। नागरिक अस्पताल में मरीज बहुत अधिक आते है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व्यवस्था तक नहीं बना पा रहे है। मरीज को एक सप्ताह की दवा मिलती है। ऐसे में हर सप्ताह उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है।

- रतनलाल, गांव झलनिया

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दवा लेने में लग रहे दो घंटे :

मैं अपनी बेटी के लिए दवा लेने आया हूं, पहले तो चिकित्सक के पास कई देर बाद नंबर आया। अब दो घंटे से लाइन में लगा हूं। उसके बाद भी नंबर नहीं आ रहा है। अंदर से फार्मासिस्ट कहते है कि कि उनके पास कर्मचारी कम है। दवा देने में समय तो लगेगा ही। सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के हालत खराब कर रख कर दी। मुफ्त इलाज के नाम पर उनका शोषण हो रहा है।

- निहाल सिंह, गांव रायपुरा, सिरसा।

------------------------ फार्मासिस्ट की कमी का मुद्दा, प्रमुखता से उठा रहा दैनिक जागरण :

नागरिक अस्पताल में फार्मासिस्ट की समस्या को दैनिक जागरण प्रमुखता से उठा रहा हैं। फार्मासिस्ट की कमी से मरीजों को आ रही परेशानी को देखते हुए दैनिक जागरण ने कई बार समाचार प्रकाशित किया है। गत 7 फरवरी को 'दवा की दरकार, झेलनी पड़ती है लंबी कतार' से प्रकाशित किया। इसके बाद 16 फरवरी को 'अस्पताल प्रबंधन दिखा रहा मनमानी, फार्मासिस्ट न होने से मरीज परेशान' समाचार प्रकाशित किया।

--------------------------पहले फोन नहीं उठाया, बाद में बोले कार्यालय में आकर मिलो :

सीएमओ मनीष बंसल ने पहले तो कई बार फोन करने पर फोन नहीं उठाया। उन्हें सरकारी नंबर पर कई बार कॉल की गई। इसके बाद आखिरी में उन्होंने कॉल रिसीव की। समस्या को सुनने के बाद किसी प्रकार का समाधान करने की बजाए बोले कि इस बारे में फोन पर कुछ भी नहीं बता सकता। आपको मुझसे कार्यालय में आकर मिलना होगा।


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